उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2025 इस बार कई सवालों के घेरे में है। जहां एक ओर यात्रा का आरंभ पिछले साल की तुलना में 10 दिन पहले हो रहा है, वहीं ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। बीते वर्ष की तुलना में अब तक लगभग 9.5 लाख श्रद्धालु कम पंजीकृत हुए हैं, जिससे इस साल यात्रा में भीड़ घटने की आशंका जताई जा रही है।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में गिरावट: 9,57,002 कम पंजीकरण
2024 के शुरुआती 34 दिनों में कुल 29,52,931 ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन दर्ज किए गए थे। जबकि 2025 में अब तक सिर्फ 19,95,929 श्रद्धालुओं ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। यह गिरावट करीब 32 प्रतिशत की मानी जा रही है।
इस बार 10 दिन पहले शुरू हो रही यात्रा
चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत 30 अप्रैल से हो रही है, जबकि बीते वर्ष यह मई के पहले सप्ताह में शुरू हुई थी। इस बार ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू की गई थी और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 28 अप्रैल से प्रमुख शहरों जैसे हरिद्वार और ऋषिकेश में शुरू होगा।
नई रणनीति: ऑनलाइन और ऑफलाइन का 60:40 अनुपात
पर्यटन विभाग ने इस बार ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन को 60:40 के अनुपात में बाँटने का निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि इस नीति के चलते कई श्रद्धालु ऑफलाइन माध्यम को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे ऑनलाइन पंजीकरण में गिरावट दर्ज की जा रही है।
पंजीकरण के लिए आधिकारिक प्लेटफॉर्म
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वेबसाइट: registrationandtouristcare.uk.gov.in
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मोबाइल ऐप: Tourist Care Uttarakhand
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हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग: heliyatra.irctc.co.in (बुकिंग अप्रैल के पहले सप्ताह में संभावित)
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हेल्पलाइन: 0135-1364 (टोल-फ्री), 0135-2559898 / 2552627
2024 में 48 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे चारधाम
बीते वर्ष लगभग 48 लाख यात्रियों ने चारों पवित्र धामों – केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री – के दर्शन किए थे। इस बार भी प्रशासन ने Aadhaar verified registration, सही मोबाइल नंबर, और टोकन सिस्टम का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया है।
कपाट खुलने की तिथियां (2025)
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यमुनोत्री और गंगोत्री: 30 अप्रैल
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केदारनाथ: 2 मई
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बदरीनाथ: 4 मई
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हेमकुंड साहिब: 25 मई
क्या कहता है ट्रेंड?
चारधाम यात्रा 2025 में ऑनलाइन एंगेजमेंट में गिरावट जरूर दिख रही है, लेकिन आगामी दिनों में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के आंकड़े इस गिरावट की भरपाई कर सकते हैं। यात्रा से जुड़े सभी विभागों की रणनीति और मौसम की स्थिति इस बार की तीर्थ यात्रा के स्वरूप को तय करेंगी।