उत्तराखंड की प्रतिष्ठित चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। इस बार यात्रा की अवधि भी 10 दिन बढ़ाई गई है, जिससे अधिक से अधिक तीर्थयात्री दर्शन का लाभ उठा सकें। सरकार ने यात्रा को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में रिकॉर्ड वृद्धि
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया 21 मार्च 2025 से शुरू हुई और शुरुआती 5 दिनों में ही 8 लाख से अधिक यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। मंगलवार शाम तक यमुनोत्री के लिए 134,376, गंगोत्री के लिए 138,258, केदारनाथ के लिए 242,038 और बदरीनाथ के लिए 224,493 श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण कराया।

चारधाम यात्रा की अवधि में वृद्धि
इस बार चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होकर लगभग 10 दिन अधिक चलेगी। 2024 में यह यात्रा 10 मई से शुरू हुई थी, लेकिन इस वर्ष इसे 30 अप्रैल से शुरू किया जा रहा है। इससे श्रद्धालुओं को अधिक समय मिलेगा और रिकॉर्ड संख्या में दर्शनार्थी यात्रा में शामिल हो सकेंगे।

सरकारी तैयारियां और बुनियादी ढांचा सुधार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर यात्रा से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की। सरकार विशेष रूप से सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दे रही है। केदारनाथ मार्ग को बर्फ मुक्त करने के लिए BRO के 50 से अधिक मजदूरों को तैनात किया गया है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और हेलीकॉप्टर सेवा
चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in और ‘Tourist Care Uttarakhand’ मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जा सकता है। हेलीकॉप्टर सेवा के लिए टिकट बुकिंग heliyatra.irctc.co.in पर की जा सकती है, जिसकी शुरुआत अप्रैल के पहले सप्ताह में होगी। किसी भी सहायता के लिए श्रद्धालु 24×7 टोल-फ्री नंबर 0135-1364 पर संपर्क कर सकते हैं।

आधार कार्ड लिंकिंग अनिवार्य
यात्रा में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी रोकने के लिए आधार कार्ड को लिंक करना अनिवार्य किया गया है। यह व्यवस्था यात्रा की सुरक्षा और सुगमता सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

चारधाम कपाट खुलने की तिथियां
गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 30 अप्रैल को, केदारनाथ के 2 मई को, और बदरीनाथ के 4 मई को खुलेंगे। हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलेंगे।
भीड़ प्रबंधन और केंद्र सरकार की मॉनिटरिंग
चारधाम यात्रा में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार भी इस बार यात्रा प्रबंधन में सक्रिय भागीदारी निभा रही है। पिछले वर्षों में अत्यधिक भीड़ के कारण व्यवस्थाएं चरमरा गई थीं, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार इस बार यात्रा की तैयारियों की गहन जांच कर रही है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) अप्रैल के अंतिम सप्ताह में उत्तराखंड में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करेगा, जिसमें यात्रा संचालन की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष SOP जारी करेंगे।
चारधाम यात्रा की परंपराओं पर सख्ती
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि चारधाम यात्रा को तीर्थाटन के रूप में ही देखा जाना चाहिए, न कि पर्यटन के रूप में। रील संस्कृति पर रोक लगाने की बात भी की गई है, जिससे यात्रा की पवित्रता बनी रहे। सरकार ने यात्रा की धारण क्षमता को ध्यान में रखते हुए नए स्थलों के विकास पर भी जोर दिया है।

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 2025 में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। यात्रा की अवधि बढ़ाने से अधिक श्रद्धालुओं को दर्शन का अवसर मिलेगा, वहीं सरकार और प्रशासन की व्यापक तैयारियां इस यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस यात्रा के सफल संचालन की निगरानी कर रही हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।