मसूरी / पहाड़ों की रानी मसूरी इन दिनों प्रशासनिक संग्राम का अखाड़ा बनी हुई है। लेकिन ये संग्राम किसी बाहरी दुश्मन से नहीं, बल्कि खुद नगर पालिका और विद्युत विभाग के बीच छिड़ा है। दोनों विभागों के बीच बकाया राशि को लेकर खींचतान इस कदर बढ़ गई कि एक-दूसरे के खिलाफ एक्शन लेने में भी कोई कोताही नहीं बरती जा रही।

मंगलवार की रात विद्युत विभाग ने नगर पालिका द्वारा बिजली बिल न चुकाने पर घंटाघर क्षेत्र की सभी स्ट्रीट लाइटों का कनेक्शन काट दिया, जिससे पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया। जनता परेशान, व्यापारियों की दुकानें जल्दी बंद, और राहगीर टॉर्च लेकर सड़कें पार करने को मजबूर हो गए। लेकिन नगर पालिका भी कहां पीछे रहने वाली थी! बुधवार की सुबह होते ही नगर पालिका ने विद्युत विभाग के गेस्ट हाउस और सब स्टेशन के मुख्य गेट पर ताला ठोक दिया।

तालों की जंग में जनता पिसी
इस “बिल युद्ध” का सबसे बड़ा नुकसान मसूरी की जनता को झेलना पड़ा। स्ट्रीट लाइटों के गुल होने से अंधेरा छाया और फिर सब स्टेशन सील होने से एक घंटे तक बिजली भी बाधित रही। स्थानीय लोगों ने इस खींचतान पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि अधिकारियों को बैठकर समाधान निकालना चाहिए, ना कि एक-दूसरे पर कार्रवाई करके जनता को परेशान करना चाहिए।

किसका पक्ष सही, किसका गलत?
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने विद्युत विभाग पर आरोप लगाया कि बिना किसी नोटिस के ही स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन काट दिया गया, जबकि नगर पालिका की संपत्तियों पर लगे विद्युत विभाग के ट्रांसफार्मर और पोल का भी हाउस टैक्स बकाया है, जो वर्षों से जमा नहीं किया गया।
दूसरी ओर, विद्युत विभाग के एसडीओ पंकज थपलियाल ने सफाई देते हुए कहा कि नगर पालिका लंबे समय से स्ट्रीट लाइट के बिल का भुगतान नहीं कर रही थी, जिसके चलते उच्च अधिकारियों के निर्देश पर कनेक्शन काटा गया। वहीं, कुंज भवन को सील करने को लेकर उन्होंने बताया कि 18 मार्च को हाउस टैक्स जमा करने का नोटिस दिया गया था, जिसमें 15 दिन का समय दिया गया था, लेकिन नगर पालिका ने निर्धारित समय से पहले ही बुधवार को बिना सूचना के ताला जड़ दिया, जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित हुई।
अब आगे क्या?
इस प्रशासनिक टकराव में बिजली और हाउस टैक्स की उधारी किसकी बड़ी है, ये तो आंकड़े तय करेंगे, लेकिन फिलहाल मसूरी की जनता चाहती है कि यह “बिल युद्ध” जल्द खत्म हो और उनके घरों और सड़कों की रोशनी बरकरार रहे। अब देखना होगा कि दोनों विभाग आपसी सहमति से मामला सुलझाते हैं या ताले और कनेक्शन काटने की यह जंग और लंबी खिंचती है!