मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से की मुलाकात, राज्य की लंबित हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स पर की चर्चा

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से भेंट की, इस दौरान सीएम धामी ने प्रदेश में लंबित जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर केंद्रीय मंत्री से विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है और जल विद्युत परियोजना राज्य की सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि का मुख्य कारक हैं।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज दिल्ली दौरे पर हैं यहाँ उन्होंने आज केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड की विद्युत ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए ओपन मार्केट से हर साल करीब 1000 करोड़ रुपये की ऊर्जा खरीदी जाती है। राज्य में मौजूद जल स्त्रोतों से करीब 25 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता का आकलन किया गया है, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 4200 मेगावाट क्षमता का ही उत्पादन हो पा रहा है। साथ ही कहा कि प्रमुख सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में अलकनंदा और भागीरथी नदी घाटी में प्रस्तावित 70 परियोजनाओं में से सिर्फ 7 परियोजनाओं जिनका निर्माण कार्य 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है। उसके निर्माण कार्य को जारी रखने और कोई भी नई परियोजना प्रारंभ न किये जाने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखंड की सीमा में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्रीय जल आयोग/जल संसाधन मंत्रालय द्वारा राज्य की अन्य नदी घाटियों यथा धौलीगंगा, गौरीगंगा पर पिथौरागढ़ जनपद में प्रस्तावित परियोजनाओं के विकास के लिए भी अनुमोदन प्रदान नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने राज्य की अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं निर्माण की अनुमति प्रदान किये जाने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया।

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बातचीत में मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने के लिये एक उच्च स्तरीय समिति गठन की गई है जो इसकी नियमित समीक्षा कर रही है। जल संसाधन, नदी विकास एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा हाल ही में 11-12 जुलाई को परियोजना स्थल के भ्रमण के उपरान्त समीक्षा बैठक की गयी थी। जिसमें केन्द्रीय जल आयोग से लगभग दस वर्ष पूर्व से किये गये अनुबंध के सापेक्ष अभी तक अपेक्षित ड्राइंग प्राप्त न होने के कारण कार्य प्रभावित होने का प्रकरण संज्ञान में लाया गया था। इस प्रकरण में तत्समय इस परियोजना के निर्माण हेतु छः माह में प्राथमिकता के आधार पर ड्राइंग निर्गत करने हेतु केन्द्रीय जल आयोग में एक अलग सेल गठित किये जाने पर सहमति व्यक्त की गई है। मुख्यमंत्री ने परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने हेतु जल शक्ति मंत्रालय के अधीन केन्द्रीय जल आयोग से प्राथमिकता पर ड्राइंग निर्गत करने के संबंध में शीघ्र कार्यवाही के निर्देश हेतु भी केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इंटर मिनिस्टीरियल कमिटी की मार्च 2023 में हुई बैठक में राज्य के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की 170.57 करोड़ लागत की 15 परियोजनाओं के लिये शत प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण की संस्तुति पर शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि वर्ष 2023 के प्राइस लेवल के स्तर पर परियोजना की लागत 3808.16 करोड़ है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पुनरीक्षित लागत PMKSY-AIBP के अंतर्गत वित्त पोषण की स्वीकृति का भी अनुरोध किया।


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