पिथौरागढ़ पहुंचे CM धामी, जौलजीबी मेले का शुभारंभ; वर्षों बाद पैतृक गांव पहुंचे तो भावुक हुए मुख्यमंत्री

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पिथौरागढ़ पहुंचे CM धामी, जौलजीबी मेले का शुभारंभ; वर्षों बाद पैतृक गांव पहुंचे तो भावुक हुए मुख्यमंत्री

पिथौरागढ़। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर पिथौरागढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने ऐतिहासिक जौलजीबी मेले का शुभारंभ किया। भारत–नेपाल की साझा संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक यह मेला काली और गौरी नदी के संगम पर सदियों से लगता आया है और कुमाऊं के सबसे बड़े व्यापारिक मेलों में शामिल है। इस मेले में भारत के साथ-साथ नेपाल और तिब्बत के व्यापारी भी बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।
कार्यक्रम में डीडीहाट के विधायक फकीर राम टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

मेले के शुभारंभ के बाद मुख्यमंत्री पहली बार अपने पैतृक गांव टुंडी-बारमौं पहुंचे। यहां वे गांव की पगडंडी पर माँ का हाथ पकड़कर चलते नजर आए। उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात कर पुरानी यादें साझा कीं। अपने बाल्यकाल से जुड़े इस स्थल पर पहुंचकर मुख्यमंत्री visibly भावुक दिखे।

सीएम धामी ने अपनी इस यात्रा को सोशल मीडिया पर भी साझा किया। उन्होंने लिखा कि यह वही धरा है जहां उन्होंने बचपन बिताया और पहली बार विद्यालय की राह पकड़ी। उन्होंने कहा कि गांव की मिट्टी, संस्कृति और परंपराओं ने उनके व्यक्तित्व को आकार दिया है और आज भी गांव के बुजुर्ग उन्हें बचपन के नाम से पुकारते हैं — “यह अपनत्व शब्दों में पिरो पाना मुश्किल है।”

मुख्यमंत्री ने टुंडी–बारमौं स्थित ब्रह्मचारी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। उल्लेखनीय है कि उन्होंने तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई इसी गांव के प्राथमिक विद्यालय से की थी, जिसके बाद उनका परिवार खटीमा चला गया।

वापसी पर मुख्यमंत्री ने भावुक पोस्ट साझा कर लिखा कि गांव का हर आंगन, हर चेहरा और बचपन की हर स्मृति उनके मन में फिर से जीवंत हो उठी।
उन्होंने कहा— “टुंडी–बारमौं मेरे लिए केवल गांव नहीं, बल्कि मेरी जड़ें, मेरे संस्कार और मेरी पहचान है। आप सबका स्नेह ही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है।”

मुख्यमंत्री धामी दो दिवसीय कुमाऊं दौरे पर हैं और इस दौरान वे कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे तथा क्षेत्र को कई विकास योजनाओं की सौगात भी देंगे।


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