कई दिनों की कयासबाजी के बाद आखिरकार तय हो गया है की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत विधानसभा की सीट से उपचुनाव लड़ेंगे, चम्पावत से पार्टी विधायक कैलाश गहतोड़ी ने आज गुरुवार को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत हासिल किया था, लेकिन पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए थे। पार्टी ने धामी के नेतृत्व पर भरोसा किया और उन्हें सत्ता की कमान सौंपी। ऐसे में अब उन्हें छह माह के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना है।
चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ दी है। इस्तीफा सौंपने के बाद गहतोड़ी ने कहा है कि मुख्यमंत्री जब उनके क्षेत्र से विधायक होंगे तो पूरे चम्पावत का चहुंमुखी विकास होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें पद की कोई लालसा नहीं है, बस उनके क्षेत्र का विकास होना चाहिए।
भाजपा की ओर से उपचुनाव की तैयारियों के बीच अब कांग्रेस पर सीएम धामी के खिलाफ दमदार प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने का भी दबाव होगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन सिंह माहरा ने कहा कि पार्टी यहां जीतने के इरादे से चुनाव लड़ेगी। माहरा ने कहा कि उपचुनाव को लेकर पूर्व में उम्मीदवार रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता हेमेश खर्कवाल से भी बात की जाएगी।
कांग्रेस के लिए उपचुनाव जीतना बड़ी चुनौती है। पहले से ही कमजोर और अंतर्द्वंद से जूझ रही कांग्रेस के लिए चंपावत उपचुनाव की चुनौती पहाड़ की तरह खड़ी हैं। हालांकि उनके पास इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल, पूर्व राज्यसभा सांसद महेंद्र सिंह माहरा, वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री विमला सजवाण जैसे विकल्प मौजूद हैं। अब देखने वाली बात होगी की कांग्रेस इस चुनौती से कैसे निपटती है और क्या वह बीजेपी को कड़ी टक्कर दे पाएगी या जल्द ही हथियार डाल देगी।