उत्तराखंड में 2019 के बाद सबसे ठंडा दिसंबर, बर्फबारी और पाला बढ़ा रहे ठंडक

Our News, Your Views

उत्तराखंड में इस बार मानसून की विदाई के बाद बारिश का इंतजार लंबा रहा, लेकिन दिसंबर की शुरुआत से ही ठंड ने तेजी पकड़ ली। हिमपात समय पर होने के कारण दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक न्यूनतम तापमान कई जिलों में शून्य से नीचे पहुंच गया। मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़े बताते हैं कि 2019 के बाद यह दिसंबर सबसे ठंडा रहा है।

Photo – Om Joshi

पर्वतीय इलाकों में गहराई ठंड—

मुक्तेश्वर का न्यूनतम तापमान दिसंबर में -1.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम है। 2019 के बाद यह पहला अवसर है जब दिसंबर के दूसरे सप्ताह में तापमान इतना निचले स्तर पर पहुंचा। चंपावत, नैनीताल, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में भी तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया।

Photo – Om Joshi

पश्चिमी विक्षोभ का असर—

दिसंबर में आए पहले पश्चिमी विक्षोभ के कारण 1700 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली चोटियों पर बर्फबारी हुई। 2400-2500 मीटर ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फ दो से तीन दिन तक जमा रही। मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और पिथौरागढ़ समेत कई जिलों में पाला गिरने का येलो अलर्ट जारी किया है।

मैदानी इलाकों में भी बढ़ेगी ठंड—

मैदानी क्षेत्रों में भी ठंड का असर बढ़ने की संभावना है। शुक्रवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री और न्यूनतम 5.9 डिग्री रहा। शनिवार को अधिकतम तापमान 23 और न्यूनतम 5 डिग्री तक रहने का अनुमान है।

Photo – Om Joshi

दिसंबर के अंत में फिर बदलेगा मौसम—

मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के अनुसार, 21 दिसंबर के बाद उत्तराखंड में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन महीने के आखिरी दिनों में एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। इससे पर्वतीय इलाकों में फिर से बर्फबारी होने की संभावना है।

ठंड और बर्फबारी के चलते लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने भी पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतने का आग्रह किया है।


Our News, Your Views