कोरोना मरीजों के लिए एक राहत भरी खबर है की अगर सरकारी अस्पतालों में जगह न मिलने पर उन्हें मजबूरीवश प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं तो इलाज केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देश के आधार पर ही होगा। इसके अतिरिक्त अस्पताल को मरीजों के नाम पते के साथ मोबाइल नंबर आदि पूरा लेखा-जोखा भी रखना होगा।जिलाधिकारी बताते हैं कि जो प्राइवेट अस्पताल कोविड-19 का इलाज करने में सक्षम हैं वो पूरा इलाज करेंगे व अस्पताल प्रबंधन किसी भी दशा में इलाज से मना नहीं कर सकेंगे।

जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कोरोना पॉज़िटिव मरीजों के इलाज करने से संबंध में प्राइवेट हॉस्पिटल्स व लैब्स के लिए निर्देश जारी किए हैं। इलाज राज्य सरकार की ओर से निर्धारित अनुमन्य दरों पर ही किया जाएगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जिन प्राइवेट अस्पतालों में कोविड-19 का इलाज सम्भव नहीं है, वहां पर संक्रमित व्यक्ति को रैफर करने से पहले कोविड-19 अस्पताल का परामर्श अनिवार्य होगा। परामर्श के बाद ही आगे कार्यवाही करनी होगी।

बता दें की राज्य में कोरोना का बढ़ता ग्राफ सरकार के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है इसी कड़ी में सरकार ने अब कोरोना इलाज के लिए सक्षम प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश जारी किये हैं। आम आदमी प्राइवेट अस्पतालों के महंगे खर्चों के कारण इलाज करवाने में सक्षम नहीं होता ऐसे में सरकार अगर पुरे चाकचौबंद तरीकों से प्राइवेट अस्पतालों का इस महामारी से निपटने में सहयोग ले पाती है तो यह आम जनमानस के साथ गरीब-गुरबों के लिए राहत भरी बात होगी। साथ साथ मरीजों के तीमारदारों के लिए भी यह बड़ी राहत का कारण बनेगा।

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