चारधाम यात्रा 2021 के संचालन हेतु एसओपी जारी कर दी है, यह एसओपी बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं/यात्रियों आवासीय व्यवस्था संचालकों अन्य हितग्राहियों को कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित रखने हेतु यात्रा संपादित करने के प्रयोजन हेतु निर्गत की गई है इस मानक प्रचालन विधि का चार धाम यात्रा से संबंधित सरकारी विभाग एजेंसियां ट्रैवल टूर ऑपरेटर आवासीय सुविधा रेस्टोरेंट्स चिकित्सा सेवा प्रदाता श्रद्धालु यात्री तथा धामू से संबंधित सभी हित धारकों द्वारा अक्षरश: अनुपालन किया जाना अनिवार्य होगा।
देखें विस्तृत एसओपी-released sop char dham_compressed
धाम के प्रत्येक जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं नियंत्रण कक्ष कोविड-19 सिंह के लिए एक डेस्क पर तीर्थयात्रियों के दैनिक रिकॉर्ड बनाए रखेंगे।
पर्यटकों/ तीर्थ यात्रियों की सुविधा और मार्गदर्शन के लिए पर्यटन विभाग के कार्यालय देहरादून में राज्य स्तरीय चार धाम नियंत्रण कक्ष स्थापित है, चार धाम पर्यटन कंट्रोल रूम देहरादून का दूरभाष नंबर 0135- 559898, 0135-552627 एवं 0135-552628 है।
चार धाम यात्रा पर बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को उत्तराखंड देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा, उत्तराखंड राज्य के भीतर के व्यक्तियों को उत्तराखंड देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से चार धाम मंदिर की यात्रा के दौरान चार धाम मंदिर में दर्शन के लिए अनिवार्य यात्रा ई-पास निर्गत किए जाएंगे।
सभी तीर्थ यात्रियों द्वारा कोविड-19 की दोनों डोज लगाने के 15 दिन के उपरांत प्रमाण पत्र दिखाए जाने के बाद ही चार धाम यात्रा की अनुमति प्रदान की जा सकेगी, यदि यात्री द्वारा कोविड वैक्सीन की एक अथवा कोई दोस्त नहीं लगवाई गई हो ऐसे यात्रियों को यात्रा तिथि से अधिकतम 72 घंटे पूर्व की कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट के बाद ही दर्शन के लिए ई-पास निर्गत किया जाएगा।
केरल महाराष्ट्र एवं आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों द्वारा कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगाए जाने के उपरांत भी यात्रा तिथि से अधिकतम 72 घंटे पूर्व की कोविड-19 निकली रिपोर्ट के बाद ही दर्शन के लिए ई-पास निर्गत किए जाएंगे।
बद्रीनाथ धाम में 1 दिन में केवल 1000 यात्री ही दर्शन कर पाएंगे वही केदारनाथ धाम में 800 श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे गंगोत्री धाम में 600 तो वही यमुनोत्री धाम में केवल 400 यात्री दर्शन कर पाएंगे।