मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो सरकारों में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। धामी ने अपने तीन साल के कार्यकाल में कई ठोस व अहम कदम उठाए हैं। जिसके बाद से धामी की देशभर में लगातार स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है, अहम और कड़े फैसले लेकर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई। जहाँ कुछ निर्णय नज़ीर बने हैं तो वहीँ कई ऐसे निर्णय ऐसे भी रहे जिसके खिलाफ सरकार का विरोध हुआ।
उत्तराखंड राज्य के इतिहास में सबसे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2021 में उत्तराखंड सरकार की कमान संभाली और उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर 03 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, धामी की सबसे बड़ी उपलब्धि रही कि उन्होंने राज्य का मिथक तोडा और बीजेपी ने सत्ता में दोबारा से वापसी की। धामी ने इन तीन वर्षों के कार्यकाल में कई ठोस कदम उठाए हैं जिसके बाद उन्हें धाकड़ धामी के नाम से आम बातचीत में पुकारा जाने लगा।
देखा गया की वह सख्त फैसले लेने में जरा भी नहीं हिचके और प्रदेश हित में कई फैसले लिए, जिसका उन्हें ज्यादा समर्थन और प्यार मिला।
वह कभी जनता के बीच जाकर उनसे राय-मशविरा करते दिखाई दिए तो कभी राज्य में प्राकृतिक आपदा के (सिलक्यांरा, जोशीमठ ) दौरान जनता के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े दिखाई दिए।
नकल, धर्मांतरण, लैंड जिहाद, दंगा जैसे मुद्दों पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख अख्तियार किया और सख्त कानून बनाने से भी नहीं हिचके, हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा की घटना पर जिस तरह से सीएम धामी ने सख्ती दिखाई उससे ये स्पष्ट हो गया कि चेहरे से शांत दिखाई देने वाला ये मुख्यमंत्री अंदरूनी तौर पर बेहद कठोर और सजग हैं।
अपने कड़क फैसलों से उन्होंने ये साबित किया कि वे उत्तराखंड के हित के लिए निर्णायक फैसले लेने में पीछे नहीं हटेंगे।
आइए जानते हैं, इन तीन वर्षों की क्या हैं वो मुख्य बातें जो चर्चा में रही —
- देशभर में यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बना।
- धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लाया गया।
- नकल विरोधी कानून देश का सबसे सख्त कानून बनाया गया।
- दंगारोधी कानून लागू कर असमाजिक तत्वों पर सख्ती और नुकसान की भरपाई उन्हीं से करने को नियम।
- लैंड जिहाद के खिलाफ प्रदेशभर में अभियान चलाया।
- महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण
- आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के 9.11 लाख मरीजों को निशुल्क इलाज की सुविधा दी गई।
- 2025 तक धामी सरकार ने 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है।
- 80 हजार महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पांच से सात लाख कमा कर लखपति दीदी बनीं है।
- खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए नई खेल नीति लागू की है।
- खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया।
- मेधावी खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है।
- तीन साल के कार्यकाल में विभागों में 7644 युवाओं को नौकरी दी गई।
- 19 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- काठगोदाम से हनुमान गढ़ी तक रोपवे निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई।
- केदारनाथ, हेमकुंड साहिब रोपवे का शिलान्यास कर डीपीआर बनाई जा रही है।
- जौलीग्रांट एयरपोर्ट से कई शहरों देहरादून से अमृतसर, पंतनगर, गोवा, कुल्लू, पिथौरागढ़ के लिए हवाई सेवा को शुरू किया गया।
हाल ही में हुए लोकसभा की पांचों सीटों पर भी सीएम धामी के नेतृत्व में कमल खिला, र प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कई मौकों पर धामी की तारीफ कर चुके हैं। उनकी विशेष छवि के कारण देश भर में उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया। उनके फैसलों की चर्चा देशभर में रही और कई अन्य राज्यों ने इन फैसलों को हाथों हाथ लिया।
जहाँ भाजपा धामी सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताते हुए जश्न मना रही है। वहीं कांग्रेस मुख्यमंत्री के इन तीन वर्षों के कार्यकाल को घोर निराशाजनक बता रही है। कांग्रेस का आरोप है कि धामी सरकार के राज में कानून व्यवस्था बदहाल है। इसके अलावा बेरोजगारी, शिक्षा-चिकित्सा सेवाओं की बदहाल स्थित जनता को परेशान कर रही है।