भले ही अभी विधानसभा चुनाव 2022 में समय हो लेकिन हर राजनितिक दल और दलों के वर्तमान विधायक अपनी गोटियां सेट करने में लगे हुए हैं और इन्ही गतिविधियों के कारण वे अपनी अपनी रणनीति अनुसार जनता में अपने कार्यों और कार्यों के न हो पाने का ठीकरा दूसरों पर फोड़ना चाहा रहे है। भाजपा विधायक भले ही अपनी नाराजगी का कारण नौकरशाही के रवैये को ठहरा रहे हों मगर इससे जनता में सन्देश यही जा रहा है कि सरकार में सब कुछ “आल इस वेल” नहीं है।
उत्तराखण्ड में 2017 में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई और त्रिवेन्द्र सिंह रावत प्रदेश के मुखिया बने। उसके बाद कुछ समय तक मंत्री पद औऱ दायित्वों को लेकर भी चर्चाएं तेज रही और कई बार पार्टी के नेताओं में नाराजगी वाली बातें भी राजनीतिक गलियारों में गूंजती रही। लेकिन प्रचंड बहुमत के आगे ये बाते कभी खुलकर सामने नहीं आई। हालांकि बीच-बीच में बीजेपी के कुछ विधायकों के सरकार की आलोचना से संबंधित बयान भी सामने आए। लेकिन बीजेपी संगठन ने ऐसे बयानों पर विधायकों को नोटिस जारी कर उन्हें चुप भी कराया।

लेकिन इन दिनों एक बार फिर बीजेपी के कुछ विधायकों की सरकार से असंतोष की खबरें सामने आ रही हैं। विधायकों में नाराजगी यह है कि नौकरशाह उनकी बात नहीं मानते औऱ सरकार से इनकी शिकायत करने के बाद भी सरकार इनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं करती है। और जिस तरह बीजेपी विधायक यहां सुनवाई न होने पर अपनी शिकायत लेकर दिल्ली दरबार तक पहुंच जा रहे हैं वह यह जाहिर करता है की उन्हें अपनी बात रखने का उचित प्लेटफार्म नहीं मिल पा रहा है।
जहां एक विधायक ने भ्रष्टाचार को लेकर पत्र के माध्यम से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से शिकायत की है, तो वहीं एक विधायक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात कर शिकायत की है। जहाँ लोहाघाट से बीजेपी विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपनी सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। विधायक फर्त्याल ने टनकपुर-जौलजीबी सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, और सरकार पर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि “मैं इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को कर चुका हूं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई”
उन्होंने अब इसकी शिकायत सीधे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर की है।
वहीं ख़बरें हैं कि डीडीहाट विधायक विशन सिंह चुफाल प्रदेश की नौकरशाही से नाराज हैं उन्होंने आरोप लगाया है कि अधिकारी विधायकों की बात नहीं सुनते, जिसके कारण विकास कार्यो पर भी असर पड़ रहा है। चुफाल अपनी शिकायत पार्टी फोरम से लेकर मुख्यमंत्री तक कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय अध्य़क्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया।

ऐसे में खबर है कि अब देहरादून के रायपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। उन्होने अपने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो पाने की शिकायत की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि— “अपने क्षेत्र की जनता और पार्टी के लिए उन्होेंने लगन से काम किया लेकिन उनकी नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने कहा है कि अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर वह सरकार और शहरी विकास मंत्री के पास कई बार जा चुके हैं लकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नगर-निगम विस्तार के 100 वार्ड़ो में से 24 वार्ड उनकी विधानसभा में सृजित किए गए हैं, लेकिन नगर-निगम क्षेत्र के अंतर्गत विभागों ने कोई भी काम नहीं किया जिससे जनता परेशान है”
वे कहते हैं कि– “किसी भी तरह के विकास कार्य ना होने से जनता का सरकार और पार्टी के प्रति उदासीनता बढ़ रही है जो कि चिंताजनक है”
भाजपा अब डैमेज कण्ट्रोल की कवायद में जुट गयी है। इस बीच भाजपा के कई विधायकों की नाराजगी की चर्चाओं के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने करीब डेढ़ दर्जन विधायकों से बात की जिसमे विधायकों ने इस दौरान उन्हें अपने क्षेत्र कि समस्याओं से अवगत कराया है।

भाजपा पार्टी संगठन ने विधायकों की सरकार से नाराजगी की ख़बरों को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा कि विधायकों की नाराजगी और बगावत को लेकर फैलायी जा रही खबरों को कोरी अफवाह बताया और कहा की सरकार और संगठन में सब कुछ ठीक चल रहा है।
वहीँ विपक्ष सरकार में चल रही इन गतिविधियों को अपने लिए जनता में पैठ बनाने का एक सुनहरे मौके के रूप में देखने लगा है कांग्रेस सहित आम आदमी पार्टी इन मुद्दों को भुनाने की कोशिश में दिखाई देने लगी हैं और वह इसे हाथों हाथ लेने में कोई कोताही बरतने के मूड में भी नहीं है।
medrol 8mg otc buy methylprednisolone 16 mg online aristocort 10mg brand
clomiphene 100mg pill buy serophene online buy imuran 50mg for sale