केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, पहली पूजा पीएम मोदी के नाम

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रुद्रप्रयाग/ विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। मंत्रोच्चार, ‘हर हर महादेव’ के उद्घोष और सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट के बैंड की भक्ति धुनों के बीच जैसे ही सुबह ठीक 7 बजे कपाट खुले, सम्पूर्ण वातावरण शिवमय हो गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं धाम में मौजूद रहकर कपाट खुलने के पावन क्षण के साक्षी बने और पूजा-अर्चना कर प्रदेश व देश की सुख-शांति की कामना की। इस अवसर पर सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम संपन्न हुई।

मुख्यमंत्री धामी ने देशवासियों को कपाट उद्घाटन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह क्षण न केवल उत्तराखंड, बल्कि सम्पूर्ण भारत के श्रद्धालुओं के लिए एक पर्व जैसा होता है। उन्होंने कहा कि बाबा केदार का धाम भारत की आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का केंद्र है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष चारधाम यात्रा के सुव्यवस्थित संचालन के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और सुगम यात्रा के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से देश और दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत आत्मीयता और सेवा भाव से करने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदार के अनन्य भक्त हैं और 2013 की आपदा के बाद उनके नेतृत्व में केदारनाथ क्षेत्र के पुनर्निर्माण का भव्य कार्य शुरू हुआ। आज बाबा केदार का धाम दिव्य और भव्य स्वरूप में श्रद्धालुओं के सामने है। प्रधानमंत्री ने इसी भूमि से 21वीं सदी के तीसरे दशक को ‘उत्तराखंड का दशक’ घोषित किया था, जिसे साकार करने की दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है।

108 क्विंटल फूलों से सजाया गया मंदिर परिसर

कपाट उद्घाटन के अवसर पर श्री केदारनाथ मंदिर को 108 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया। फूलों की इस अनुपम सजावट ने धाम को दिव्यता से भर दिया। कपाट खुलते ही हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई, जिसे देखकर श्रद्धालु अभिभूत नजर आए।

धार्मिक परंपराओं के अनुसार सम्पन्न हुई पूजा-अर्चना

धार्मिक परंपरा के अनुसार, श्री केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से विभिन्न पड़ावों से होती हुई धाम पहुंची। कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह 5 बजे शुरू हुई।

सुबह 6 बजे रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, स्थानीय विधायक आशा नौटियाल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती सहित वेदपाठीगणों ने मंदिर के पूर्व द्वार से गर्भगृह में प्रवेश कर पूजा-अर्चना की।

देवी-देवताओं के आव्हान और जनकल्याण की कामना के साथ सुबह ठीक 7 बजे श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए।


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