मौसम के लिहाज से अगले कुछ दिन मुसीबत भरे साबित हो सकते हैं। केदारनाथ धाम में अगले छह से सात दिन तक बर्फबारी की संभावना जताई गई है वहीँ उत्तराखंड के 4 जिलों चमोली रुद्रप्रयाग उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ के तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अगले 24 घंटों में बर्फीले तूफान (एवलांच) की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने इसे देखते हुए उत्तराखंड में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन ने संबंधित जिलों के डीएम को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
चमोली जिले में बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग में केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री व यमुनोत्री धाम हैं। सभी उच्च हिमालयी क्षेत्र में तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई पर हैं। डिफेंस जियो इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च एस्टेब्लिशमेंट (डीजीआरई) चंडीगढ़ ने उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। डीजीआरई चंडीगढ़ की इन जिलों में हल्के बर्फीले तूफान की चेतावनी को शासन ने बेहद गंभीरता से लिया है। पुलिस बल, एसडीआरफ, फायर सर्विस, आपदा राहत कार्य में प्रशिक्षित कर्मचारियों और संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
गढ़वाल मंडल के अपर आयुक्त (प्रशासन) एवं चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेंद्र सिंह क्वीरियाल बताते हैं कि केदारनाथ यात्रा का पंजीकरण 30 अप्रैल तक ऋषिकेश और हरिद्वार में रोक दिया गया है। शेष धामों के लिए आनलाइन और भौतिक पंजीकरण दोनों सुविधा जारी है। डीजीपी ने कहा कि एसडीआरएफ और अन्य आपदा राहत वाले विभागों की टीमों को ऐसे स्थानों पर पहले से ही नियुक्त कर दिया जाए, जहां आपदा की आशंका अधिक रहती है।
आपको बता दें की जहाँ बीती 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमनोत्री के कपाट खुल गए हैं वही आगामी 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। केदारनाथ में हो रही बर्फबारी पर सरकार लगातार नजर रखे हुए है। इस कड़ी में केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वे मौसम के मद्देनजर संभलकर और मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार ही यात्रा करें। साथ ही बारिश और ठंड से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े साथ रखें। सभी यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य संबंधी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।