उत्तराखंड की चार विभूतियां संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित, देखें कौन हैं ये शख्सियत

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उत्तराखंड के चार वयोवृद्ध कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी अमृत अवार्ड से सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में उत्तराखंड के लोक संगीत और नृत्य में योगदान के लिए भैरव दत्त तिवारी, लोक संगीत में जगदीश ढौंडियाल और नारायण सिंह बिष्ट को सम्मानित किया गया वहीं जुगल किशोर पेटशाली को अमृत अवार्ड दिया गया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति की विरासत को बचाने वाले इन योद्धाओं का देश हमेशा आभारी रहेगा।

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 75 वर्ष से अधिक उम्र के 84 उत्कृष्ट कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी अमृत अवार्ड से सम्मानित किया। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारत की प्रदर्शन कला क्षेत्र के वरिष्ठ कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार प्रदान किया गया। राष्ट्रीय अवार्ड के रूप में इन वरिष्ठ कलाकारों को ताम्रपत्र, अंगवस्त्रम के अलावा एक लाख रुपये की नकद राशि दी गई। पुरस्कार विजेताओं द्वारा 16 से 20 सितंबर, 2023 तक संगीत नाटक अकादमी परिसर में आयोजित ‘कला महोत्सव’ में अपनी कला का प्रदर्शन किया जाएगा।

70 पुरुष और 14 महिला उत्कृष्ट कलाकारों को सम्मानित किया गया। इनमें सबसे बुजुर्ग मणिपुर के 101 वर्ष के युमनाम जात्रा सिंह हैं। पुरस्कार सूची में 90 वर्ष से अधिक आयु के 13 और 80 साल से अधिक के 38 कलाकार हैं। दो महिला कलाकारों गौरी कुप्पुस्वामी और महाभाष्यम चित्तरंजन को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया जाएगा।

सम्मान पाने वालों में उत्तराखंड के चार वयोवृद्ध कलाकार भी शामिल हैं। इनमें उत्तराखंड के कलाकार भैरव दत्त तिवारी (79) और जगदीश ढौंडियाल (78) को लोक संगीत व नृत्य में अमृत अवार्ड दिया गया। जबकि नारायण सिंह बिष्ट (75) को लोक संगीत और जुगल किशेार पेटशाली (76) को उत्तराखंड की प्रदर्शन कला में समग्र योगदान के लिए अमृत अवार्ड से सम्मानित किया गया।

उत्तराखंड से ये हुए सम्मानित-

1- जुगल किशोर पेटशाली: अल्मोड़ा जिले के निवासी। राजुला-मालुसाही, मध्य हिमालय की अमर प्रेम गाथा और जय बाला मोरिया आदि पुस्तकें लिखीं।

2- नारायण सिंह बिष्ट: चमोली जिले के निवासी। उत्तराखंड की जागर परंपरा को आगे बढ़ाया।

3- जगदीश ढ़ौंढियालः पौड़ी गढ़वाल जिले के निवासी। नृत्य नाटिका कामायनी की लगभग 2500 अधिक प्रस्तुतियां दीं।

4- भैरव दत्त तिवारीः अल्मोड़ा निवासी। कुमाऊंनी लोक परंपरा में योगदान। दूरदर्शन के लिए रसिक रमोला और हारु हीत नाटकों की प्रस्तुति तैयार कीं।

बता दें कि इस अवार्ड के लिए करीब 500 आवेदन आए थे। इसमें से अकादमी की सामान्य परिषद ने विभिन्न मानकों के आधार पर 84 कलाकारों का चयन किया। यह भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य मे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत वरिष्ठ कलाकारों को अकादमी द्वारा प्रदान किए जाने वाला एक बार का सम्मान है ।


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