उत्तराखंड में शीघ्र होने वाले विधानसभा सत्र पर कोरोना संक्रमण के लगातर बढ़ते प्रकोप के चलते विधानसभा स्थगन का साया मंडराने लगा है। आगामी 23 सितंबर से शुरू होने वाले मानसून सत्र की तैयारियाँ अभी जोर शोर से चल ही रही थी, की पहले नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और अब विधान सभा अध्यक्ष के कोरोना पॉजिटिव आने की खबर के बाद सत्र स्थगित करने की मांग उठने लगी है।

दरअसल विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी कोविड-19 जांच करवाई थी जिसके बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीँ आपको बता दें कि हाल ही में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश कोरोना संक्रमित हो चुकी है जबकि भाजपा के कई विधायकों समेत कांग्रेस के भी विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं ऐसे में सत्र होने की संभावनाएं निश्चित नहीं हैं और उस पर स्थगित होने का खतरा है।

वहीँ विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से मौजूदा हालातों को देखते हुए 23 सितंबर को होने वाला विधानसभा सत्र स्थगित करने की मांग की गई है। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कोविड-19 को लेकर बिगड़े हालातों को देखते हुए सत्र को स्थगित किए जाने की मांग की है। धीरेंद्र प्रताप के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश कोरोना संक्रमित हो चुकी है जबकि भाजपा के कई विधायकों समेत कांग्रेस के भी विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। उधर अब विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल के भी कोरोना पॉजिटिव होने के बाद सत्र को ठीक से चलाना मुमकिन नहीं है। ऐसे में भी विधानसभा सत्र को फौरन स्थगित किए जाने का फैसला होना चाहिए।

ग़ौरतलब है की  प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामले सरकार के लिए चिंता का सबब बने  हैं, इस सप्ताह इन आंकड़ों में  रिकॉर्ड तोड़ इज़ाफा हुआ है ऐसे में सरकार विधानसभा सत्र को लेकर फूंक फूंक कर कदम उठा रही केंद्र सरकार की अनलॉक-4 की गाइड लाइन से इतर भी प्रदेश सरकार अपने  स्तर पर इस मामले से निपटने के लिए नयी रणनीतियां बना रही है। अब देखने वाली बात ये है की सरकार विधानसभा सत्र मामले से कैसे पार पाएगी।

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