लंबी पूछताछ के बाद IAS राम विलास यादव न्यायिक हिरासत में, उत्तराखंड में पहली बार कोई आईएएस गया जेल

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उत्तराखंड में आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोपी आईएएस अधिकारी राम विलास यादव को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस दफ्तर में करीब 13 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद विजिलेंस ने उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
राम विलास यादव को बुधवार को उत्तराखंड सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। जांच में उनकी संपत्ति आय से करीब 500 गुना से ज्यादा पाई गई। वह उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव पद पर तैनात थे।
विजिलेंस उनकी पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) भी मांगेगी। इसके लिए न्यायालय में बाद में प्रार्थनापत्र दिया जाएगा। आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में आरोपी आईएएस(निलंबित) रामविलास यादव बुधवार को ढाई साल के बाद विजिलेंस के सामने पेश हुए थे। उनकी पत्नी को भी वहां पर बुलाया गया लेकिन उन्होंने भी आने से इनकार कर दिया। उनसे बुधवार देर रात करीब दो बजे तक पूछताछ की गई। इसके बाद 2.15 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
अपर पुलिस महानिदेशक (सतर्कता) अमित सिन्हा  बताते हैं कि भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिलने और लंबी पूछताछ के दौरान संतोषजनक जवाब न हासिल होने के बाद यादव को बुधवार देर रात करीब सवा दो बजे गिरफ्तार कर लिया गया। सिन्हा के मुताबिक, मई में दर्ज मामले की प्राथमिक जांच के दौरान यादव के पास आय से 522 फीसदी अधिक संपत्ति होने की जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा, “जांच में हमें भ्रष्टाचार में यादव की संलिप्तता को लेकर कई ऐसे दस्तावेज और साक्ष्य मिले थे, जिनके आधार पर हमने उनके घर पर दबिश दी थी और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था।”
सिन्हा के मुताबिक, अब तक जांच में उपलब्ध अभिलेखों और यादव से पूछताछ के आधार पर उनकी कुल वार्षिक आय 50 लाख 48 हजार 204 रुपये तथा व्यय तीन करोड 12 लाख 37 हजार 756 रुपये होना पाया गया है, जो अनुपात में नहीं है। उन्होंने बताया कि आरोपी अधिकारी आय और व्यय की इस रकम में अंतर का कारण स्पष्ट नहीं कर पाए।
इससे पहले, सतर्कता विभाग द्वारा यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में चल रही जांच में उनके सहयोग न करने तथा आरोपों की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
बता दें कि, आईएएस के खिलाफ लखनऊ के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद उत्तराखंड विजिलेंस ने इस मामले के सिलसिले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व सचिव राम विलास यादव के परिसरों पर छापेमारी की थी। इससे पहले, आईएएस राम विलास यादव के खिलाफ 19 अप्रैल को मामला दर्ज किया गया था। साथ ही गाजीपुर और गाजियाबाद में भी छापेमारी की गई थी। अधिकारियों के अनुसार, आईएएस अधिकारी ने अपनी आय से 500 फीसदी अधिक की संपत्ति अर्जित की थी।

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