भारतीय सेना को मिले 331 जांबाज अफसर, पासिंग आउट परेड से घोड़ा-बग्घी की भी हुई विदाई

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file photo- pic by Pawan Negi

भारतीय सैन्य अकादमी “आईएमए” में आज पासिंग आउट परेड के बाद 331 युवा अफसर भारतीय सेना में शामिल हुए। इसके साथ ही मित्र राष्ट्रों के 42 कैडेट्स भी पास आउट हुए। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की सलामी ली। जिसमे यूपी 63 जेंटलमैन कैडेट के साथ टॉपर बना है वही उत्तराखंड पिछली पीओपी के मुकाबले दो पायदान नीचे है। उत्तराखंड से 25 युवा पास हुए हैं। देश की रक्षा की खातिर आज 331 युवा अफसर सेना की मुख्यधारा में जुड़ गए। परिसर में सेना और बाहर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह छह बजे परेड शुरू हुई। जिसके बाद देश और विदेश के 373 कैडेट्स अफसर बनकर अपनी सेनाओं की मुख्य धारा में जुड़ गए। इनमें 331 अफसर भारतीय सेना को मिले। कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकॉप्टर के जरिए उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी।

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यूपी से सबसे ज्यादा 63 जेंटलमैन कैडेट पास आउट होकर निकले। 63 कैडेट के साथ यूपी टॉपर बना, बिहार 33 कैडेट के साथ दूसरे नंबर पर रहा तो वहीं उत्तराखंड पिछली पीओपी के मुकाबले दो पायदान नीचे है। उत्तराखंड का पांचवा नंबर रहा है। उत्तराखंड से 25 युवा पास हुए हैं। हरियाणा 32 कैडेट के साथ तीसरे और 26 कैडेट के साथ महाराष्ट्र छोटे नंबर पर रहा। सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, और अंडमान निकोबार से इस सूची में कोई नहीं है।

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सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की सलामी ली। स्वार्ड आफ आनर- मेहर बनर्जी, स्वर्ण पदक – अभिमन्यु सिंह, रजत पदक- मेहर बनर्जी, रजत पदक टीजी – सूर्यभान सिंह, कांस्य पदक – कमलप्रीत सिंह, चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर-कैसिनो कंपनी, सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट- किंगा लहेंडूप भूटान, को विशेष सम्मान से नवाज़ा गया।आईएमए की स्थापना के बाद से अब तक यहां से 64862 देशी एवं विदेशी कैडेट्स पास आउट हो चुके हैं। वहीं, आईएमए के नाम अब तक 2885 विदेशी कैडेट्स को ट्रेनिंग देने का गौरव जुड़ गया है। आज भूटान के 19, तजाकिस्तान के 17, श्रीलंका के दो और मालदीव, सुडान, सेशेल्स व वियतनाम का एक-एक कैडेट भी पास आउट हुए।

किस राज्य से कितने कैडेट….

उत्तर प्रदेश-63, बिहार-33, हरियाणा-32, महाराष्ट्र-26, उत्तराखंड-25, पंजाब-23, हिमाचल प्रदेश-17, राजस्थान-19, मध्य प्रदेश-19, दिल्ली-12, कर्नाटक-11, झारखंड-08, तमिलनाडु-08, जम्मू-कश्मीर-06, छत्तीसगढ़-05, केरल-05, तेलंगाना-03, पश्चिम बंगाल-03, गुजरात-02, वहीं नेपाली मूल के भारतीय कैडेट -02 और त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, ओडिशा व पांडिचेरी से एक-एक कैडेट हैं।

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गैरतलब बात है कि अब पासिंग आउट परेड से घोड़ा-बग्घी की विदाई की गयी है और भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में अब घोड़ा-बग्घी नहीं दिखाई देगी। दरअसल, भारतीय सेना ने औपनिवेशिक या पुरानी प्रथाओं जैसे बग्घी, पाइप बैैंड आदि को समाप्त कर दिया है। अभी तक निरीक्षण अधिकारी चार घोड़े वाली बग्घी (पटियाला कोच) में परेड मैदान में पहुंचते थे। बता दें कि पटियाला के पूर्व महाराज ने यह बग्घी 1969 में आईएमए को भेंट की थी। पटियाला कोच (घोड़ा-बग्गी) के अलावा आईएमए में जयपुर के पूर्व महाराज की ओर से उपहार स्वरूप दी गई जयपुर कोच, विक्टोरिया कोच व कमांडेंट्स फ्लैग कोच भी चलन में रही है।

इसके इतर आईएमए स्थित युद्ध स्मारक पर शुक्रवार को शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यहां तलवार से सलामी देते जेंटलमैन कैडेट की साढ़े सात फीट की कांस्य की प्रतिमा है। प्रतिमा के पिछले हिस्से में मेहराब बनाए गए हैं, जिन पर 898 बहादुर पूर्व सैनिकों के नाम उकेरे गए हैं। ये वे पूर्व जवान हैं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। भारतीय सैन्य अकादमी के युद्ध स्मारक का उद्घाटन 17 नवंबर 1999 को फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने किया था। युद्ध स्मारक पर 331 जेंटलमैन कैडेट्स ने भारतीय सेना के अधिकारियों के रूप में नियुक्त होने से पहले भारतीय सेना की समृद्ध परंपराओं को कायम रखने और राष्ट्र का झंडा हमेशा ऊंचा रखने का संकल्प लिया।


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