मधुमिता हत्याकांड: 20 साल बाद अमरमणि त्रिपाठी पत्नी संग होंगे रिहा, मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की

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पूर्व चर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड एक बार फिर चर्चा में है। कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में जेल में बंद यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को 20 साल बाद रिहाई मिल रही है। पति-पत्नी गोरखपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उधर, मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अमरमणि की रिहाई पर रोक की गुहार लगाई है।सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों जेल में अच्छा आचरण करने वाले कैदियों की रिहाई पर विचार करने को राज्य सरकार को सलाह दी थी। इसके बाद अमरमणि ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सरकार को 10 फरवरी 2023 को रिहाई का आदेश दिया था। आदेश का पालन नहीं होने पर फिर अमरमणि की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई। रिहाई का शासनादेश उनके अच्छे आचरण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जारी किया है। दरअसल, 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई का आदेश पारित किया। इसमें लिखा है कि उनकी उम्र 66 साल होने, करीब 20 साल तक जेल में रहने और अच्छे आचरण को देखते हुए किसी अन्य वाद में शामिल न हो तो रिहाई कर दी जाए।

बता दें कि लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई 2003 में मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड से उत्तर प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले पर राजनीति गरमाने के बाद इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। जांच के दौरान अमरमणि पर गवाहों को धमकाने के आरोप लगे तो मामले को देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट शिफ्ट किया गया। जहां जांच एजेंसी ने अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी करार दिया।

अमरमणि को सजा दिलाने के लिए मधुमिता की बहन निधि शुक्ला इस केस में डटी रही और एक लम्बी लड़ाई लड़ते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। उन्होंने याचिका दायर करते हुए केस को लखनऊ से दिल्ली या तमिलनाडु ट्रांसफर करने की अपील की। जांच के दौरान अमरमणि पर गवाहों को धमकाने के आरोप लगे तो मामले को कोर्ट ने 2005 में केस उत्तराखंड के देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट शिफ्ट किया गया। 24 अक्टूबर 2007 को देहरादून सेशन कोर्ट ने पांचों लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई। अमरमणि त्रिपाठी नैनीताल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन सजा बरकरार रही।

बताया जा रहा है कि अमरमणि की रिहाई के फैसले के बाद मधुमिता शुक्ला की बहन ने तुरंत यह नोट मीडिया में जारी किया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट में आज केस की सुनवाई होने का जिक्र है।

अमरमणि के रिहाई के आदेश के बाद मधुमिता की बहन निधि शुक्ला का बयान सामने आया है। इसमें वह कह रही हैं, “राज्यपाल के आदेश पर मुझे बहुत हैरानी हुई। क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार और राज्यपाल को 15 दिन से बराबर हम सूचना दे रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में हमारी याचिका स्वीकार हो चुकी है। 25 तारीख को 11 बजे सुनवाई है। मुझे लगता है कि राज्यपाल को भ्रमित कराकर रिहाई का आदेश करवाया गया है। मेरी प्रार्थना है कि हमारी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश जब तक नहीं आता, तब तक रिहाई पर रोक लगा देनी चाहिए”।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 2 हफ्ते में जवाब तलब किया है। लेकिन रिहाई पर फिलहाल रोक नहीं लगाई है।

यूपी की राजनीति में अमरमणि त्रिपाठी का राजनीतिक कद काफी मायने रखता है। चर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजायाफ्ता अमरमणि त्रिपाठी का दबदबा अभी भी कायम है। भले ही 2007 के बाद से अमरमणि ने चुनाव नहीं लड़ा हो, लेकिन उसकी राजनीतिक विरासत को बेटे अमनमणि ने आगे बढ़ाया। एक बड़े वर्ग में उसका रसूख है। अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी कहने को तो जेल में हैं, लेकिन असल में, उनकी जिंदगी गोरखपुर के अस्पताल में कट रही है। जब से सजा हुई दोनों बीमार हैं, और इलाज करा रहे हैं।


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