नैनीताल हाईकोर्ट का बड़ा आदेश: कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट की संपूर्ण संपत्ति अब बीकेटीसी के अधीन

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नैनीताल हाईकोर्ट का बड़ा आदेश: कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट की संपूर्ण संपत्ति अब बीकेटीसी के अधीन

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्वामी कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट से जुड़ी वर्षों पुरानी संपत्ति विवाद पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए ट्रस्ट की संपूर्ण चल-अचल संपत्तियों—मंदिर, धर्मशाला, गोशाला और अन्य परिसंपत्तियों को श्री बदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को सौंपने का आदेश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने 18 नवंबर 2025 को सभी पक्षों की दलीलें और साक्ष्य सुनने के बाद पारित किया। मामला आदेश संख्या 10511/2025 तथा अपील संख्या 2008/2016 से संबद्ध था।

12 साल पुराना विवाद

ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला से सटे स्वामी कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट की संपत्तियों को लेकर विवाद वर्ष 2014 में तब शुरू हुआ था, जब ट्रस्ट के अधिकार और संचालन को लेकर प्रकरण देहरादून जिला न्यायालय में दायर हुआ। सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आए कि ट्रस्ट की कई संपत्तियों—

  • लक्ष्मण झूला के समीप मंदिर,

  • मसूरी स्थित धर्मशाला,

  • जौंक गांव में गौशाला

  • तथा अन्य भूमि

पर कुछ व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जे किए गए थे। कोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि मूल हकदारों को किन्हीं लोगों ने गलत तरीकों से बाहर कर, ट्रस्ट की संपत्तियों का गैरकानूनी उपयोग व दुरुपयोग शुरू कर दिया था।

बीकेटीसी को मिले व्यापक अधिकार

हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि अब से बदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को:

  • कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट का पूर्ण प्रतिनिधित्व किसी भी न्यायालय, सरकारी विभाग या प्राधिकरण के समक्ष करने का अधिकार होगा।

  • ट्रस्ट की सभी परिसंपत्तियों पर साइनबोर्ड लगाने का अधिकार होगा।

  • ट्रस्ट की संपत्तियों और धन का उपयोग केवल जनहित व गैर-लाभकारी गतिविधियों के लिए किया जाएगा।

जिला प्रशासन को निर्देश

कोर्ट ने जिला प्रशासन को यह भी निर्देश दिया है कि आवश्यकता पड़ने पर बीकेटीसी को सहयोग प्रदान किया जाए, ताकि ट्रस्ट की संपत्तियों का संरक्षण और संचालन सुव्यवस्थित ढंग से हो सके।


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