उत्तराखंड चारधाम यात्रा में पहली बार NDRF तैनात, भारत सरकार कर रही मॉनीटिरिंग, राज्य सरकार की यात्रा तैयारी दावों पर प्रश्नचिह्न

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उत्तराखंड सरकार के चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर किये जा रहे तमाम दावे धराशायी होते दिखाई देने लगे हैं। यात्रा शुरू होने से पहले प्रदेश सरकार और शासन-प्रशासन ने जो दावे किए थे, वो हफ्ते भर में ही ध्वस्त होने लगे हैं। इसकी एक बानगी तब दिखाई दी जब मात्र 10 दिनों में चारधाम यात्रा मार्ग पर 28 श्रद्धालु उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी समस्याएं के कारण दम तोड़ते दिखाई दिये।लगातार बढ़ती भीड़, अवव्यवस्था और यात्रियों की मौत संबंधी घटनाओं के बाद भारत सरकार चिंतित है। चारो धामो में बढ़ रही भीड़ को देखते हुए भारत सरकार भी लगातार इस यात्रा की मॉनिटरिंग करती नज़र आती है फलस्वरूप भारत सरकार ने आईटीबीपी  और एनडीआरएफ की तैनाती कर दी है।

 

बता दें कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रदालुओं की संख्या प्रतिदिन नए रिकॉर्ड बना रही है रोज तकरीबन 50 हजार से ज्यादा यात्री पहुंच रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ को संभाल पाने में सरकार और प्रशासनकी तैयारियां नाकाफी साबित हो रही हैं,  वहीं चारधाम में हुई 28 श्रद्धालुओं की मौत ने भी सरकार और प्रशासन के सारे इंतजामों के दावों की पोल कर रख दी है।
श्रदालुओं की बढ़ती तादात को देखते हुए राज्य सरकार ने अब केंद्र सरकार की मदद ली है और चारधाम यात्रा मार्ग (NDRF deployed in Chardham Yatra) पर एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) के जवानों को तैनात किया गया है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू जानकारी देते हुए बताते हैं कि, पहली बार उत्तराखंड चारधाम यात्रा में एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया जा रहा है। और अगर जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ के साथ सेना के लोगों की भी मदद ली जाएगी। शुरूआत में केदारनाथ रूट पर एनडीआरएफ को तैनात किया है।
ऐसा पहली बार होगा जब उत्तराखंड चारधाम यात्रा में एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) को तैनात किया गया है। उत्तराखंड  चारधाम यात्रा में सरकार के इंतजामों के दावों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जाम लग रहा है। लोगों को चलना मुश्किल हो रहा है।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर तो  स्थिति और ज्यादा खराब है। यहां घोड़े और खच्चरों की वजह से पैदल चलने वाले यात्रियों को जगह ही नहीं मिल पा रही है ज्ञात हो कि बीते दिनों केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर एक श्रद्धालु पैर फिसलकर खाई में गिर गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
वहीं, चारधाम में बीमार हो रहे श्रद्धालुओं को समय से इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी मौत हो रही है। यही कारण है कि बीते दिनों केंद्र सरकार ने खुद चारधाम में श्रद्धालुओं की हो रही मौतों को संज्ञान लिया था और इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट भी मांगी थी। इसके बाद उत्तराखंड शासन के अधिकारियों ने बैठक कर चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी की थी।
यात्रियों के हित में श्रदालुओं के लिये जारी दिशा-निर्देश..

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