पांचवीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही 10 मार्च को आएंगे। इधर मतगणना की तारीख से पहले ही प्रदेश में राजनितिक उथल-पुथल शुरू हो गयी है।
रविवार को भाजपा हाईकमान के बुलावे पर पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के दिल्ली दौरे, और उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा से मुलाकात राजनितिक गलियारे में चर्चा का विषय बनने लगी है। माना जा रहा कि 10 मार्च को मतगणना के बाद या फिर इससे पहले प्रदेश भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है।
बताया जा रहा है कि इस दौरान नड्डा ने प्रदेश कि 70 सीटों पर हुए चुनाव और पार्टी में उठ रहे भीतरघात के आरोपों पर फीडबैक लिया। प्रदेश में चुनाव के बाद भाजपा के विधायकों ने चुनाव में भीतरघात के आरोप लगाए हैं।
बता दें कि सबसे पहले लक्सर के विधायक संजय गुप्ता ने अपनी सीट पर भीतरघात के आरोप लगाए और प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग की थी। इसके बाद आरोपों के सिलसिले में विधायक कैलाश गहतौड़ी, हरभन सिंह चीमा व केदार सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने अपनी-अपनी सीटों पर भितरघात के आरोप लगा चुके हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक नड्डा ने चुनाव नतीजे आने के बाद बनने वाली राजनितिक परस्तिथियों को ध्यान में रखकर वरिष्ठ नेताओं की भूमिका को लेकर चर्चा कि है।
निशंक और जे.पी नड्डा की यह मुलाकात क्या रंग लाएगी? क्या यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इस मुलाकात से प्रदेश में राजनितिक सरगर्मियां बढ़ने लगेंगी इतना तो तय है।
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