हिमाचल में सियासी संकट: हिमाचल में चंद दिनों की कांग्रेस सरकार या बगावत पर लगेगा अंकुश?

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हिमाचल प्रदेश में पल-पल राजनीति बदल रही है, खबरों की मानें तो हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट आ गया है। 6 विधायकों समेत कुल 9 विधायकों ने मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की है जिसके बाद सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं। जानकार मानते हैं कि सरकार भले बच जाए लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी जाना तय है। सूत्रों की मानें तो नाराज विधायक के चलते हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस्तीफा की पेशकश की है। अगर सुखविंदर सिंह सुक्खू इस्तीफे दे देते हैं तो उनकी जगह नया सीएम कौन होगा इस पर चर्चा अभी से शुरू हो गई।

गौर हो कि प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और मुख्यमंत्री सुक्खू के बीच की अनबन जगजाहिर है। इसके चलते हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस दो धड़ों में बंटी हुई है। दरअसल, राज्यसभा के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया था।वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह के करीबी हर्ष महाजन को मैदान में उतारा था। यहां कांग्रेस के पास नंबर पूरे थे और अभिषेक मनु सिंघवी की जीत तय मानी जा रही थी।

वोटिंग से एक दिन पहले यानी 26 फरवरी को कांग्रेस की ओर से सभी विधायकों के लिए व्हिप भी जारी की गई। इसमें विधायकों को अपने वोट पोलिंग एजेंट को दिखाने के लिए कहा गया। इसके बावजूद 24 घंटे के अंदर ही बाजी पलट गई और कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी। इसके चलते दोनों के पक्षों के खाते में बराबर-बराबर 34 वोट आए।इसके बाद दोनों टॉस के जरिए हार-जीत का फैसला हुआ और बाजी बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन की जीत गए।

फाइल फोटो

जिसके बाद राज्यसभा के लिए हुई वोटिंग का नतीजा ऐसा निकला कि अब सीएम सुखविंदर सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार महज चंद दिनों की ही मेहमान बची है, कहा जा रहा है कि कांग्रेस की तो उसके जितने भी बागी विधायक हैं, उनकी बगावत पार्टी से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से है. ऐसे में अगर कांग्रेस आलाकमान सुखविंदर सिंह सुक्खू की बजाय प्रतिभा सिंह या फिर उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को कमान सौंपती है तो शायद इस बगावत पर अंकुश लगाया जा सकता है।

फाइल फोटो

वहीं इस्तीफे की खबरों को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान की तरफ से नियुक्त पर्यवेक्षक अभी शिमला नहीं पहुंचे हैं। ये सब विपक्ष की ओर से फैलाई जा रही अफवाह हैं। इन पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान का विश्वास पूरी तरह कायम है।

कांग्रेस हाईकमान की तरफ से ऑब्जर्वर बनाए गए डीके शिव कुमार शिमला पहुंच गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं कांग्रेस हाईकमान के निर्देशों के तहत शिमला पहुंच रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी के विधायक पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे। उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि बीजेपी लोकतंत्र को खत्म करने में लगी हुई है।


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