हेमकुंड साहिब यात्रा की तैयारियां जोरों पर, 25 मई को खुलेंगे कपाट

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गोविंदघाट / 10 मई/ पवित्र सिख तीर्थ श्री हेमकुंड साहिब की वार्षिक यात्रा 25 मई से आरंभ होने जा रही है। यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए जिला प्रशासन, लोनिवि और भारतीय सेना युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं।

लोनिवि द्वारा गोविंदघाट में अलकनंदा नदी पर एक महत्वपूर्ण पुल का निर्माण कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। इस पुल के निर्माण से यात्रा मार्ग पर आवागमन पहले से अधिक सहज और सुरक्षित होगा।
वहीं, सेना की सिख रेजिमेंट बर्फ से ढके रास्तों को साफ कर यात्रियों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने जानकारी दी कि पुल निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाएगा। इसके बाद पैदल यात्रा मार्ग पर बिजली, पेयजल, प्राथमिक उपचार और विश्राम स्थलों जैसी यात्री सुविधाओं को व्यवस्थित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी संबंधित विभागों को यात्रा मार्ग और पड़ावों पर व्यवस्थाएं चाकचौबंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

हेमकुंड साहिब का आध्यात्मिक महत्व

3,633 मीटर (लगभग 11,000 फीट) की ऊँचाई पर स्थित श्री हेमकुंड साहिब को सप्त-श्रृंगों से घिरे शांत और दिव्य वातावरण में स्थापित माना जाता है। यह वही स्थान है जिसे सिक्खों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह जी की आत्मिक तपस्या स्थली माना जाता है। यह यात्रा केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि पहाड़ों के कठिन रास्तों से जूझते हुए आस्था की अद्वितीय मिसाल भी है।

प्रत्येक वर्ष हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं। प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर सजग रहती हैं।

इस वर्ष यात्रा से पहले की तैयारियों की तीव्रता को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि हेमकुंड साहिब यात्रा 2025 श्रद्धालुओं के लिए केवल सुरक्षित होगी, बल्कि एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करेगी।


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