पिछले कुछ दिनों से चर्चाओं का बाज़ार गर्म है कि बहुत जल्द कांग्रेस के एक कद्दावर नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं। विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार पराजय का दंश झेल चुकी कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष व उपनेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के बाद से रार मची है। जिसके बाद सियासी गलियारों में कयास लगाए जाने लगे कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह इन दिनों पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे हैं और वह कुछ बड़ा फैसला ले सकते हैं।
इस बीच मीडिया ने उनके कांग्रेस छोड़ने की चर्चाओं पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस तरह की संभावनाओं को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि आखिर यह खबर कौन चलवा रहा है? मेरे पिता आठ बार चकराता मसूरी क्षेत्र से विधायक रहे हैं। छह बार से मैं भी विधायक हूं। इतने वर्षों से हमारा परिवार कांग्रेस के सिपाही की तरह काम कर रहा है। भला पार्टी छोड़ने की कैसे सोच सकता हूं? यह एक सुनियोजित साजिश के तहत प्रचारित किया जा रहा है।
वे कहते हैं कि 2022 की हार का ठीकरा उन पर फोड़ा जा रहा है, जो सरासर गलत है। इस हार के बारे में कांग्रेस चुनाव प्रभारी सहित अन्य नेताओं से सवाल पूछना चाहिए। माना जा रहा है कि प्रीतम सिंह ने बिना नाम लिए इशारों ही इशारों ने हरीश रावत पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जो लोग सोशल मीडिया पर बयानबाजी कर पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे है, आलाकमान उनका जरूर संज्ञान ले। ऐसे नेता चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचा कर अपना एजेंडा चला रहा है। गुटबाजी करने के आरोपों से खिन्न पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने शनिवार को फिर से पार्टी हाईकमान से जांच की मांग की।
खबर है कि कांग्रेस में बढ़ते अंसतोष और नाराजगी पर सत्तारूढ़ भाजपा की भी निगाह लगी हुयी है। सियासी हवाओं में दलबदल की चर्चाएं तेजी से तैर रही हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के एक दिग्गज नेता जो खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं, भाजपा के केंद्रीय और प्रांतीय नेतृत्व के संपर्क में हैं।
गौरतलब है कि भाजपा और कांग्रेस में शह व मात का खेल विधानसभा चुनाव के दौरान से चल रहा है। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य की घर वापसी कराकर कांग्रेस ने भाजपा को झटका दिया था। माना जा रहा है कि अब भाजपा कांग्रेस की अंदरूनी कलह को भुनाने की कोशिश में है।