ऋषिकेश में वन भूमि चिन्हीकरण को लेकर बवाल, सड़क के बाद रेलवे ट्रैक जाम, पुलिस से झड़प

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ऋषिकेश में वन भूमि चिन्हीकरण को लेकर बवाल, सड़क के बाद रेलवे ट्रैक जाम, पुलिस से झड़प

ऋषिकेश:
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऋषिकेश और आसपास के इलाकों में वन विभाग द्वारा खाली पड़ी वन भूमि के चिन्हीकरण और अधिग्रहण की कार्रवाई को लेकर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। बीस बीघा, शिवाजीनगर, बापूग्राम, सुमन विहार, अमितग्राम, गीतानगर, नंदू फार्म और मनसा देवी क्षेत्र में वन विभाग की टीम द्वारा खाली प्लॉटों को चिन्हित किए जाने से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है।

शनिवार को अमितग्राम में विरोध प्रदर्शन के बाद गुस्साए लोग मनसा देवी फाटक के पास बाईपास मार्ग पर धरने पर बैठ गए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क छोड़कर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया। मनसा देवी रेलवे फाटक के पास सैकड़ों लोग, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं, ट्रैक पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि “जान चली जाए, लेकिन जमीन हाथ से नहीं जाने देंगे।”

पुलिस पर पथराव, हल्का बल प्रयोग
स्थिति बिगड़ते देख मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को वहां से हटाना पड़ा। पुलिस लगातार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर लोगों को समझाने का प्रयास कर रही है, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।

रेल यातायात प्रभावित
रेलवे ट्रैक जाम होने के कारण कोच्चिवली से आने वाली और योग नगरी रेलवे स्टेशन से जाने वाली गंगानगर एक्सप्रेस करीब डेढ़ घंटे तक ट्रैक पर खड़ी रही। इसके चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और अन्य ट्रेनों के संचालन पर भी असर पड़ा।

स्थानीय प्रतिनिधियों की बैठक, कमेटी गठन की बात
उधर, शिवाजीनगर में पार्षद सुरेंद्र सिंह नेगी और पार्षद अभिनव सिंह मलिक के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। बैठक में वन विभाग की कार्रवाई को लेकर लोगों ने अपनी आपत्तियां और आशंकाएं रखीं।

इस मौके पर पार्षद अभिनव सिंह मलिक ने कहा,
“यह कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हो रही है। फिलहाल खाली भूमि को चिन्हित किया जा रहा है, इसमें पैनिक होने की जरूरत नहीं है। मामले में 5 जनवरी को दूसरी सुनवाई होनी है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि जरूरत पड़ने पर एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।”

मुख्यमंत्री और वन मंत्री को जन संवाद के लिए बुलाने की तैयारी
स्थानीय लोगों ने ऐलान किया है कि जल्द ही एक विशाल जनसभा आयोजित कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल को जन संवाद के लिए आमंत्रित किया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से मांग की गई है कि तत्काल विशेष सत्र बुलाकर वन भूमि पर लंबे समय से काबिज क्षेत्रों को विशेष कानून के तहत अधिकार दिए जाएं।

जनहित याचिका के बाद शुरू हुई कार्रवाई
गौरतलब है कि एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वन विभाग और जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे कि खाली पड़ी वन भूमि का सर्वे कर उसे कब्जे में लिया जाए। इसी आदेश के तहत वन विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है, जिसका स्थानीय स्तर पर व्यापक विरोध देखने को मिल रहा है।

फिलहाल क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है।


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