शिवालयों में उमड़े शिवभक्त, गूूंजे भोले के जयकारे

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आज भगवान शिव के पवित्र माह सावन का पहला सोमवार है. झमाझम बारिश के बीच सोमवार से सावन माह का प्रारंभ हुआ, जिसके बाद शिवालयों में शिवभक्त उमड़ पड़े। सुबह वर्षा के बाद भी शिवभक्त पूजा-अर्चना करने शिवालय की ओर निकले। पूरे भक्ति भाव से जलाभिषेक कर सर्वमंगल की कामना की। भगवान शिव के प्रसिद्ध धाम केदारनाथ में सावन के पहले सोमवार पर भक्तों की भारी भीड़ है तो वहीं महाशिवरात्रि पर जल से शिव का जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिवभक्त रवाना हो रहे हैं। श्री नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए शिवभक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। मध्यरात्रि से शिवभक्तों ने जलाभिषेक करना शुरू कर दिया था। शिव भक्ति में सराबोर श्रद्धालु महादेव के जयकारे लगा रहे हैं।

चित्र साभार – सोशल मीडिया- फाइल फुटेज 

सावन मास में भगवान शिव को जल चढ़ाने और ब्रह्म कमल का फूल अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। देशभर में भारी बारिश के बावजूद भगवान शिव के भक्त रात से ही लाइन लगाकर अपने आराध्य के दर्शन और जलाभिषेक के लिए खड़े रहे और अपनी बारी आने पर भगवान की पूजा की। श्री नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए शिवभक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। मध्यरात्रि से शिव भक्तों ने जलाभिषेक करना शुरू कर दिया था। शिव भक्ति में सराबोर श्रद्धालु महादेव के जयकारे लगा रहे हैं।

चित्र – ओम जोशी

ऋषिकेश के सिद्धपीठ पौराणिक वीरभद्र महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर व चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में भी स्थानीय श्रद्धालु सुबह से जुटने शुरू हो गए हैं।

चित्र साभार – सोशल मीडिया – फाइल फुटेज 

इधर देहरादून में सुबह से ही भक्त बड़ी संख्या में मंदिरो में पहुंचकर भगवान शिव का आस्था के जल से जलाभिषेक कर रहे है। सावन की शुरुआत के साथ ही सुबह से तेज बारिश भी हो रही है। शहर के टपकेश्वर महादेव मंदिर, श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर, पंचायती मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर समेत शहरभर के शिवालयों में भक्त पहुंचकर भगवान शिव का आस्था के जल से जलाभिषेक कर रहे है।

चित्र साभार -सोशल मीडिया – फाइल फुटेज

भगवान शिव के प्रसिद्ध धाम केदारनाथ में सावन के पहले सोमवार पर भक्तों की भारी भीड़ है। रात के अंधेरे से ही भक्त बाबा केदार के जलाभिषेक के लिए ठंड और बारिश में दर्शनों के लिए लाइन में लगे हुए हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिमालय में बसे केदारनाथ धाम में सतयुग के दौरान भगवान नर-नारायण ने केदारनाथ भगवान की तपस्या की थी।

चित्र साभार – ओम जोशी

केदारनाथ धाम में भगवान शिव का त्रिकोणीय आकार वाला लिंग यानी चिन्ह है। बाद में केदारनाथ धाम आदि गुरु शंकराचार्य पहुंचे। उन्होंने यहां पर भगवान केदारनाथ के मंदिर की स्थापना की। केदारनाथ के रावल और मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के लिंग समुदाय के लोग होते हैं और यही लोग सैकड़ों वर्षों से यहां की पूजा करते आ रहे हैं।


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