वर्दी में सोशल मीडिया पर रील या पोस्ट करने वाले पुलिसकर्मियों को अब सावधान हो जाना चाहिए। डीजीपी अभिनव कुमार ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए वक्त बर्बाद करने, और कई बार गोपनीयता का उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए सख्त एडवायजरी जारी की है। इस एडवायजरी के बाद पुलिसकर्मियों का अपने पर्सनल सोशल मीडिया अकाउंट पर वर्दी में रील पोस्ट या वीडियो डालने पर पाबंदी रहेगी।पुलिस प्रवक्ता नीलेश आनन्द भरणे ने बताया कि उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा विगत कई वर्षों से सोशल मीडिया का सार्थक प्रयोग करके जन-शिकायत का निस्तारण एवं सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार सफलतापूर्वक किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर डाली गई प्रत्येक सामग्री पब्लिक प्लेटफार्म पर सबके लिये सुलभता से उपलब्ध है। अतएव विभागीय गरिमा के दृष्टिकोण से पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा व्यक्तिगत रूप से सोशल मीडिया के प्रयोगार्थ पुलिस मुख्यालय द्वारा पूर्व में भी पुलिस कार्मिकों के लिये सोशल मीडिया एडवाइजरी निर्गत की गई है। पुलिस को ऐसी शिकायतें या मामले मिले थे, जहां पर पुलिस कार्मिकों द्वारा सोशल मीडिया पॉलिसी एवं उत्तराखण्ड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन करते हुये सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया के प्रयोग एवं वावर्दी अशोभनीय रूप से वीडियो बनाकर उनको सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपलोड किया गया है। इस तरह के कार्यों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एडवायजरी जारी की गई है।
38 बिंदुओं की इस एडवायजरी के मुताबिक कोई भी पुलिसकर्मी—
-पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान वर्दी में रील, पोस्ट, फोटो या वीडियो अपने सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं कर पाएंगे, न ही लाइव टेलिकास्ट कर पाएंगे।
–थानों, पुलिस लाइन, दफ्तरों में फायरिंग, ट्रेनिंग, ड्रिल आदि की तस्वीरें या वीडियो भी पर्सलन अकाउंट पर साझा नहीं कर पाएंगे।-वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के संज्ञान में लाए बिना किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में लाइव डिबेट, लाइव चैटिंग, या वेबिनार में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
-अपने सोशल मीडिया अकाउंट को मोनेटाइज करके पैसा नहीं कमा सकेंगे औऱ न ही किसी प्रोडक्ट या संस्था का प्रचार करेंगे।– किसी गोपनीय दस्तावेज, रिपोर्ट अथवा पीड़ित के फोटो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर नहीं डाल सकेंगे।
– अश्लील, अभद्र भाषा या हिंसक भाषा वाली पोस्ट नहीं डाल सकेंगे।
पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की सुरक्षा के लिए सलाह भी जारी की है। इसके तहत स्ट्रॉन्ग पासवर्ड रखने, संदिग्ध लिंक को न खोलने जैसी सलाहें दी गई हैं।
यदि कोई पुलिसकर्मीउक्त गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए कोई ऐसी पोस्ट करता है तो उसके खिलाफ उत्तरांचल (उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारी की (दण्ड एवं अपील) नियमावली-1991) अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश-2002 एवं अन्य विभागीय कार्मिकों के विरूद्ध उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 में विहित प्रक्रिया के अधीन नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।