श्रीलंका: राष्ट्रपति राजपक्षे के सरकारी आवास में घुसे प्रदर्शनकारी, घर छोड़कर भागे गोटबाया राजपक्षे

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photo credit-Twitter

श्रीलंका बीते कई दशकों की सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को घेर लिया है राष्ट्रपति राजपक्षे सुरक्षित जगह पर चले गए हैं। बता दें कि श्रीलंका में बढ़ती कीमतों और ज़रूरी सामान की कमी के विरोध में लंबे समय से विरोध प्रदर्शन जारी है। लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा भरा है।

पिछले कई महीनों से आर्थिक बदहाली और महंगाई से परेशान लोग सड़कों पर सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं और इस दौरान हिंसा की कई घटनाएं हो चुकी हैं।मालूम हो कि कुछ समय पहले भारी बवाल के बीच श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दिया था तो उन्हें आगजनी और हिंसक प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए परिवार सहित घर छोड़कर भागना पड़ा था।
स्थानीय मीडिया और रक्षा सूत्रों से मिल रही जानकारी के हवाले से न्यूज एजेंसी AFP ने इसकी जानकारी दी है। श्रीलंका के अखबार डेली मिरर की खबर के अनुसार प्रदर्शनकरी राष्ट्रपति भवन के भीतर घुस चुके हैं और उस पर कब्जा कर लिया है। स्थानीय टीवी चैनल न्यूजफर्स्ट की वीडियो फुटेज में श्रीलंकाई झंडा और हेलमेट पकड़े प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन के भीतर घुसते देखा जा सकता है। ट्विटर पर शेयर किए गए एक वीडियो में सैकड़ों प्रदर्शनकारी श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन के भीतर नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं।

प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए देश के कई हिस्सों से लोग कोलंबो पहुंचे हैं।दोपहर एक बजे के करीब प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के सरकारी आवास में दाखिल होने लगे। कुछ प्रदर्शनकारी मेनगेट पर चढ़ गए और परिसर में घुस गए. प्रदर्शन की जगह पर सेना के जवानों को भी तैनात किया गया है।प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति राजपक्षे से इस्तीफ़ा देने की मांग कर रहे हैं।

श्रीलंका पुलिस ने राष्ट्रपति आवास को घेरने की कोशिश करने वाले लोगों पर आंसू गैस के गोले दागे और प्रदर्शनकारियों पर पानी भी फेंका, वहीँ भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की है। वहां से आए वीडियो फुटेज में आंसू गैस के गोले से घायल लोगों को अस्पताल ले जाते हुए देखा जा सकता है।

विरोध रैली के दौरान हिंसा से बचाव के लिए प्रशासन ने सेना और पुलिस के हज़ारों जवानों को तैनात किया गया है।अधिकारियों का कहना है कि यह कर्फ़्यू शुक्रवार की रात नौ बजे से लेकर अगले आदेश तक लगाया गया है। प्रशासन ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे अपने घरों में ही रहें और बाहर न जाएँ।


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