उत्तराखंड के चमोली जिले में माउंट चौखंबा-III पर ट्रेकिंग के दौरान लापता हुईं दो विदेशी महिला ट्रेकर्स को एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और भारतीय सेना के संयुक्त प्रयासों से सफलतापूर्वक बचा लिया गया है। तीन दिनों तक चली खोज और बचाव कार्रवाई के बाद ब्रिटिश नागरिक फायजने मान्नेरस (27) और अमेरिकी नागरिक मिचेल थेरेसा देवोरोक (23) को सुरक्षित एयरलिफ्ट कर जोशीमठ पहुंचाया गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां और कार्यवाही—
महिलाएं 6995 मीटर ऊंचे चौखंबा पर्वत की चढ़ाई कर रही थीं और 3 अक्टूबर 2024 को अपनी स्थिति के बारे में सूचना दी थी कि उनका सामान खाई में गिर गया है और वे फंस गई हैं। इसके बाद दोनों ट्रेकर्स से सेटेलाइट के माध्यम से संपर्क किया गया। वायुसेना और एसडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार से लगातार हवाई और पैदल सर्च ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन शुरू में सफलता नहीं मिली।
सेना और एसडीआरएफ का साहसिक कदम—
शनिवार को सेना और एसडीआरएफ ने मिलकर हेलिकॉप्टर से 4900 मीटर ऊंचे एडवांस बेस कैंप तक सर्च टीम को उतारा। टीम ने अत्यंत कठिन और जोखिम भरे इलाकों में पैदल अभियान चलाया। वहीं, सेना के चॉपर द्वारा लगातार रैकी की गई और अंततः रविवार को 6200 मीटर की ऊंचाई पर दोनों ट्रेकर्स का पता चल गया।
सफल रेस्क्यू और ट्रेकर्स की स्थिति—
चॉपर की मदद से दोनों महिलाओं को सुरक्षित एयरलिफ्ट कर जोशीमठ लाया गया। वे सकुशल और सुरक्षित हैं। इस साहसिक अभियान में ऊंचाई, ऑक्सीजन की कमी और खराब मौसम जैसी चुनौतियों के बावजूद, एसडीआरएफ और भारतीय सेना ने अपने समर्पण और तत्परता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
सेटेलाइट संपर्क ने निभाई अहम भूमिका—
महिलाओं ने अपने देश के दूतावास से संपर्क किया था, जिसके बाद सेटेलाइट से उनकी स्थिति की निगरानी की गई। इस ऑपरेशन में सेना और वायुसेना की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने लगातार हवाई सर्च ऑपरेशन जारी रखा और अंत में महिलाओं को सुरक्षित बचा लिया गया।
इस सफल रेस्क्यू ने फिर से साबित किया कि भारत की आपदा प्रबंधन और रक्षा टीमें कठिनतम परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।