प्रशासन ने नहीं दी 15 जून को महापंचायत करने की अनुमति, 52 पूर्व नौकरशाहों ने मुख्य सचिव और डीजीपी को लिखा खुला पत्र

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उत्तरकाशी पुरोला में उपजे विवाद के बाद से लगातार उत्तराखंड में माहौल गरमाया हुआ है। हिंदू संगठनों ने 15 जून को महापंचायत बुलाई है, विश्व हिन्दू परिषद ने पुरोला में महापंचायत की सूचना ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन को दी है। जिसको लेकर पुलिस और प्रशासन ने कमर कस ली है और जिला प्रशासन ने महापंचायत करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। वहीं पुरोला में धारा 144 लागू करने की तैयारी की जा रही है।

वहीं ख़बर है कि उत्तरकाशी पुरोला में उपजे विवाद को लेकर 52 पूर्व नौकरशाहों ने मुख्य सचिव और डीजीपी को एक खुला पत्र लिखा है। जिसमें राज्य में सांप्रदायिक स्थिति पर तत्काल कार्रवाई के लिए अनुरोध किया गया है। जिसमे कहा गया है कि इन तार्किक, साम्प्रदायिक या धमकी भरे कार्यक्रमों को इन तारीखों या अन्यथा किसी भी तारीख पर नहीं होने दिया जाए। कहा कि राज्य पुलिस और प्रशासन संविधान, कानून और सुप्रीम कोर्ट के अनेक निर्देशों के अनुसार काम करते हैं और नफरत भाषण और गुंडागर्दी के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। इसलिए ऐसे नफरत फैलाने वाले आयोजनों पर रोक लगनी जरूरी है। हालांकि जिला प्रशासन ने पुरोला में 15 जून को होने वाली महापंचायत करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। एसपी यदुवंशी ने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो धारा 144 लागू की जाएगी। जिसकी लगभग पूरी तैयारी कर दी गई है। पुलिस का साफ कहना है कि कोई भी कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि पूरा मामला पुरोला में मुस्लिम युवक द्वारा नाबालिग हिंदू लड़की को भगाने की साजिश से जुड़ा है।

डीएम ने सभी से सौहार्द और शांति बनाए रखने की अपील की। सोमवार को पुरोला पहुंचे जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला और एसपी अर्पण यदुवंशी की व्यापार मंडल और मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ करीब ढाई घंटे बैठक चली। स्थानीय लोगों ने मांग की कि शहर में सामूहिक नमाज न पढ़ी जाए। इस पर मुस्लिम समुदाय ने अपनी सहमति जताई।


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