2000 श्रद्धालुओं की मौजूदगी में खुले श्री हेमकुंड साहिब के कपाट

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आज हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। शुक्रवार को गोविंदघाट गुरुद्वारे से पंच प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था कड़ी पुलिस सुरक्षा एवं बैंड बाजों की धुन और पवित्र निशान के साथ श्री हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुआ था।

आज शनिवार को पूरे विधि विधान के साथ पंच प्यारों की मौजूदगी में पवित्र निशान के साथ सिखों के सबसे पवित्र धर्मस्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।

उत्तराखंड के पांचवें धाम के नाम से विश्व विख्यात हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रशासन और गुरुद्वारा कमेटी की ओर से हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई हैं।

सप्त श्रृंग पर्वत मालाओं के बीच 4,632 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र धाम में 18 किलोमीटर की पैदल कठिन चढ़ाई को पार कर पहुंचा जाता है। विगत दिनों सेना के जवानों ने हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग से बर्फ हटाकर आवाजाही सुचारू कर दी थी। वहीं धाम में अब भी कई फीट बर्फ जमी हुई है।


  
यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से यात्रा पड़ावों पर पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए सुरक्षा के दृष्टिगत शुरुआती दिनों में प्रतिदिन 3,500 श्रद्धालुओं को ही हेमकुंड भेजने की सीमा निर्धारित की गई है।


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