और फिर वही हुआ जिसके कयास लगाए गए थे इस वर्ष चारो धामों में श्रद्धालों की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में इस बार पहुंचे तीर्थयात्रियों ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जिसे संभालने में प्रशासन के भी पसीने छूट रहे हैं। वहीँ यात्रा व्यवस्था चरमाराने से गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहितों में आक्रोश है जिसके विरोध में उन्होंने प्रदर्शन भी किया। तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि श्रद्धालुओं को 22 घंटों तक गाड़ियों में बैठने को मजबूर होना पड़ा है। उधर प्रशासन ने गंगोत्री-यमुनोत्री धामों के मंदिर में देर रात तक दर्शन करवाया।
गंगा सप्तमी के दिन गंगोत्री धाम जाने वालों की भारी भीड़ जुट रही है। लेकिन गेट सिस्टम लागू होन से धरासू, उत्तरकाशी, नैताला, भटवाड़ी, गंगनानी, डबरानी, सोन गाड़ ,सुक्की टॉप में वाहनों की लंबी कतार लगी है। मंगलवार सुबह उत्तरकाशी से 600-700 वाहनों को गंगोत्री के लिए भेजा गया, लेकिन नेताला में गंगोत्री हाईवे पर चार घंटे तक जाम लग गया। जाम के कारण श्रद्धालु और स्थानीय तीर्थ पुरोहित आक्रोशित हो गए और गंगोत्री धाम में नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा काटा। उन्होंने यात्रा को सुगम बनाने की मांग को लेकर नारेबाजी की। गंगोत्री तीर्थ पुरोहित अशोक सेमवाल और राजेश सेमवाल ने बताया कि सोमवार दोपहर के बाद मंगलवार सुबह तक गंगोत्री धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां मंदिर की बात करें या घाटों या होटलों की तो पूरे गंगोत्री धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है। उन्होंने कहा कि पुलिस के द्वारा जो भी इंतजाम किया जा रहा, वह पर्याप्त नहीं है। सीमा सड़क संगठन ने भी इस बार यात्रा सीजन के पूर्व कोई कार्य नहीं किया।
उधर प्रशासन का कहना है कि चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों का हुजूम उमड़ रहा है। करीब 6 किमी पैदल दूरी पर यमुनोत्री धाम में भी रिकॉर्ड यात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं। यमुनोत्री धाम में 2023 में 28 मई को सर्वाधिक 12045 तीर्थयात्री पहुंचे थे, जो पिछले कई सालों के रिकॉर्ड था। लेकिन इस साल गत दिवस यमुनोत्री में 12148 तीर्थयात्रियों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बना लिया है। इसके लिए प्रशासन ने बैरियर और गेट सिस्टम लागू कर दिया है। अब यमुनोत्री धाम में दर्शन सुचारू रूप से हो रहे हैं। लेकिन यमुनोत्री की भीड़ गंगोत्री धाम में पहुंचने से दबाव बढ़ गया है। यहां दो दिनों से रिकॉर्ड तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये हैं। जबकि आज गंगा सप्तमी पर टिहरी और उत्तरकाशी जिले की देव डोलियों के पहुंचने से दबाव और बढ़ गया है। इससे व्यवस्था बनाने में प्रशासन, पुलिस और मंदिर समिति को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
गंगोत्री धाम में संकरे मार्ग पर बड़ी बसों के फंसने से ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ रही है। इससे वाहनों का दबाव बढ़ने से गंगोत्री तक वाहन कतार में चल रहे हैं। हालांकि यहां भी प्रशासन ने उत्तरकाशी रामलीला मैदान, हीना, भटवाड़ी, गंगनानी, सुक्की, झाला, हर्षिल, धराली से रुक-रुक कर वाहन छोड़े जा रहे हैं। इससे गंगोत्री धाम में देर रात तक तीर्थयात्रियों के पहुंचने क्रम जारी रहा। प्रशासन के अनुरोध पर देर रात तक गंगोत्री मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालुओं के दर्शन कराए। यमुनोत्री धाम में गेट सिस्टम के बाद पूरा ट्रैफिक गंगोत्री मार्ग की तरफ आ गया। इससे कुछ स्थानों पर संकरी सड़क पर बड़ी बसें फंसने से वाहनों का दबाव बढ़ गया। गंगोत्री में देर रात तक दर्शन कराए गए। यात्रा मार्ग पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया गए हैं। साथ ही भोजन, पानी, मेडिकल व्यवस्था तीर्थयात्रियों को उपलब्ध कराई जाने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना कि चारधाम यात्रा में भीड़ स्थानीय लोगो एवं उनकी देवी देवताओं की डोलियों की वजह से हुई। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यात्रा में भीड़ बढ़ी है। जो लोकल डोली वाले और गांव वाले भीड़ को बढ़ा देते हैं, इसलिए हमने जिलाधिकारी से बात की है कि इसको व्यवस्थित किया जाए और गंगोत्री और यमुनोत्री में भीड़ नहीं की जाए।