बेहद खास होगी इस साल की महाशिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि—

Our News, Your Views

यूँ तो शिवरात्रि हर महीने आती है, लेकिन हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। मान्‍यता है कि इसी दिन शिवजी और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि को जागरण की रात्रि कहा जाता है। इस दिन रात में जागने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है. वैज्ञानिक रूप से देखें तो महाशिवरात्रि की रात में ब्रह्माण्ड में ग्रह और नक्षत्रों की ऐसी स्थिति बनती है जिससे शरीर के भीतर की ऊर्जा प्राकृतिक रूप से ऊपर ब्रह्मांड की ओर जाने लगती है। इक्विनोस यानी इस समय ग्रह का सेंट्रल फ्यूगल फोर्स एक खास तरह से काम करता है और ये बल ऊपर की ओर गति करता है।

 

पंचांग के अनुसार 8 मार्च शुक्रवार को दिनभर त्रयोदशी तिथि रहेगी और रात 09 बजकर 57 मिनट से चतुर्दशी तिथि शुरू होगी जोकि अगले दिन 09 मार्च को संध्याकाल 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। प्रदोष व्रत उदया तिथि के हिसाब से रखा जाता है जबकि महाशिवरात्रि व्रत में रात्रि का विशेष महत्व होता है। इस कारण से शुक्र प्रदोष और महाशिवरात्रि व्रत एक ही दिन यानी 8 मार्च को रखे जाएंगे।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च दिन शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:40 से सुबह 10:40 बजे तक रहेगा। इसके अलावा शिवयोग पूरे दिन रहेगा। साथ ही इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है। प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के विधि विधान से भगवान शिव की उपासना और उपवास करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। तमाम भक्त महाशिवरात्रि पर रात में विशेष पूजन करते हैं। अगर आप भी महाशिवरात्रि पर विशेष पूजन करना चाहते हैं, तो जान लीजिए रात्रि पूजन के चार प्रहर में पूजा का समय—

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – प्रात: 03.34 से प्रात: 06:37 तक

 

महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत महादेव की आराधना से करें। अब स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद उनका गंगाजल, कच्चे दूध और दही समेत विशेष चीजों से अभिषेक करें। प्रतिमा के आगे दीपक जलाकर भगवान शिव और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करें मंदिर में जाकर भगवान शिवलिंग पर, बेलपत्र, नैवेद्य, भांग, धतूरा, फल, फूल समेत आदि चीजें अर्पित करें महादेव की आरती और शिव चालीसा का पाठ करें। साथ ही भगवान शिव के प्रिय मंत्रों का जाप करें।


Our News, Your Views