उत्तराखंड साइबर हमला: प्रमुख सरकारी वेबसाइटें फिर से सुचारू, चारधाम पंजीकरण पोर्टल चालू

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उत्तराखंड में हाल ही में हुए साइबर हमले के कारण प्रदेश का पूरा आईटी सिस्टम ठप हो गया था, जिससे सरकारी कामकाज पूरी तरह से रुक गया था। इस हमले के कारण कई महत्वपूर्ण वेबसाइटें, जैसे कि ‘अपनी सरकार’, ‘ई-ऑफिस’, और ‘चारधाम पंजीकरण पोर्टल’, अस्थायी रूप से बंद हो गई थीं। सचिवालय समेत सभी सरकारी दफ्तरों में ऑनलाइन कामकाज नहीं हो पा रहा था, और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

वेबसाइटें फिर से हुई चालू—

शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईटी और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इसके बाद आईटी विशेषज्ञों की टीम ने रात-दिन काम करके प्रमुख वेबसाइटों को सुचारू रूप से चालू किया। आईटीडीए की निदेशक निकिता खंडेलवाल ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, रविवार तक ‘अपनी सरकार’, ‘ई-ऑफिस’, ‘ई-रवन्ना’, और ‘चारधाम पंजीकरण’ जैसी वेबसाइटें फिर से चालू हो गई हैं। इसके अलावा ‘सीएम हेल्पलाइन’ और ‘स्टेट पोर्टल’ पहले ही चालू कर दिए गए थे।

डाटा सुरक्षा और शिकायतों का समाधान—

हालांकि इस पूरे साइबर हमले में कोई भी डाटा लॉस नहीं हुआ है। आईटीडीए की निदेशक ने बताया कि पिछले दो दिनों में सीएम हेल्पलाइन पर 2034 कॉल्स प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 1879 का समाधान किया जा चुका है, और 600 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसके बावजूद, ऑनलाइन सेवाओं में हुए ठहराव के कारण लंबित कामों का निपटारा धीरे-धीरे किया जा रहा है।

राज्य को हुए नुकसान का आकलन—

इस साइबर हमले के कारण राज्य को वित्तीय नुकसान भी हुआ है। हालांकि, आईटी अधिकारियों का कहना है कि सीधे तौर पर कोई बड़ा आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन जिन सेवाओं का संबंध शुल्क या लेनदेन से है, उनका आकलन किया जा रहा है। अनुमान है कि करोड़ों रुपये का लेनदेन इस दौरान रुक गया था।

साइबर हमले के पीछे की स्थिति—

यह हमला राज्य के स्टेट डाटा सेंटर पर 2 अक्टूबर को हुआ, जिससे पूरे प्रदेश का आईटी सिस्टम प्रभावित हो गया था। यह स्पष्ट नहीं है कि यह घटना साइबर अटैक थी या किसी मालवेयर के कारण हुई, लेकिन राज्य को इसे ठीक करने में चार दिन से अधिक का समय लग गया। भारत सरकार से आईटी एक्सपर्ट्स की टीम को भी बुलाया गया था ताकि इसे जल्द से जल्द ठीक किया जा सके। हालांकि, घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए अधिक सशक्त तैयारी की आवश्यकता है।

उत्तराखंड सरकार को अब यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि राज्य की डिजिटल सुरक्षा और मजबूत हो ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।


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