उत्तराखंड में आपदा से 5702 करोड़ का आर्थिक नुकसान, केंद्रीय टीम ने हालात का लिया जायजा

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देहरादून/  उत्तराखंड में इस बार भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को कुल ₹5702 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है। इसके लिए गृह मंत्रालय को विस्तृत मेमोरेंडम सौंपा गया है, जिसमें राज्य के प्रत्येक विभाग का नुकसान विस्तार से दर्ज किया गया है।

केंद्र सरकार की टीम पहले ही उत्तराखंड पहुंच चुकी है। यह टीम आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का भौतिक जायजा ले रही है। केंद्रीय टीम में गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर. प्रसन्ना का नेतृत्व शामिल है, साथ में अनुसूचित शेर बहादुर, अभियंता सुधीर कुमार, उपनिदेशक विकास मुख्य अभियंता पंकज सिंह, निदेशक वीरेंद्र सिंह और उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन भी शामिल हैं। टीम उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, बागेश्वर, नैनीताल और चमोली के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण करेगी।

जैसा कि बताया जा रहा है, केंद्रीय टीम का प्राथमिक उद्देश्य क्षेत्रीय हालात का मुआयना कर केंद्रीय कार्यालय व पीएमओ को विस्तृत रिपोर्ट सौंपना है। इसके बाद केंद्र सरकार उत्तराखंड के लिए विशेष बजट जारी कर आर्थिक मदद सुनिश्चित करेगी। इसके साथ ही संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 सितंबर को आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा भी कर सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में अभी शासन स्तर पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

आपदा से हुए आर्थिक नुकसान का विवरण:

  • लोक निर्माण विभाग और सार्वजनिक सड़कों को: ₹1163.84 करोड़

  • सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियां: ₹266.65 करोड़

  • ऊर्जा विभाग: ₹123.17 करोड़

  • स्वास्थ्य विभाग: ₹4.57 करोड़

  • विद्यालयी शिक्षा विभाग: ₹68.28 करोड़

  • उच्च शिक्षा विभाग: ₹9.04 करोड़

  • मत्स्य विभाग: ₹2.55 करोड़

  • ग्राम्य विकास विभाग: ₹65.50 करोड़

  • शहरी विकास विभाग: ₹4 करोड़

  • पशुपालन विभाग: ₹23.06 करोड़

  • अन्य विभागीय परिसंपत्तियां: ₹213.46 करोड़

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी केंद्रीय टीम से मिलकर नुकसान की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की है। आगामी बैठक में राज्य के तमाम विभागों के सचिव केंद्रीय टीम को पूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद टीम दिल्ली लौटकर केंद्र सरकार को सूचित करेगी ताकि उत्तराखंड के पुनर्निर्माण हेतु आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

उत्तराखंड की जनता और प्रशासन इस मुश्किल समय में केंद्र सरकार से जल्द राहत मिलने की उम्मीद कर रही है।


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