विधानसभा सत्र दूसरा दिन: भाजपा कांग्रेस का घमासान तो सड़क पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष

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उत्तराखंड विधानसभा सत्र का आज दूसरा खासा हंगामेदार रहा जहाँ विधानसभा के भीतर सदन की कार्यवाही चलती रही वहीं विधानसभा सत्र के दौरान बाहर सड़क पर घमासान जारी रहा। विपक्ष ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के मुद्दे पर अवमानना का नोटिस दिया। गैरसैंण मैं सत्र न करवाने को लेकर सदन में मुद्दा गरमाया। यूकेडी ,कम्युनिस्ट समेत कई सामाजिक और बेरोजगार संगठनों ने विधानसभा कूच किया। स्पीकर ने विधायकों को सदन में रहने के दौरान फोन इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए।

सदन में आज दूसरे दिन विपक्ष ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के मुद्दे पर अवमानना का नोटिस दिया। गैरसैंण मैं सत्र न करवाने को लेकर सदन में मुद्दा गरमाया। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह और संसदीय कार्य मंत्री कई बार बहस में आमने-सामने हुए। विपक्ष ने कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा पूर्ववर्ती सरकार में की गई लेकिन उसके बाद एक दिन भी गैरसैंण मैं सत्र नहीं चलाया गया, जिससे यह साबित हो गया है कि सरकार गैरसैंण लेकर कितनी संवेदनशील है। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष इस सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 2017 से लगातार भराड़ीसैंण में राज्य स्थापना दिवस और राष्ट्रीय पर्व को मनाया जा रहा है। चार धाम यात्रा को देखते हुए सरकार ने बजट सत्र को देहरादून में ही आहूत किया था।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में बेरोजगारी और भर्ती घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटाले में शामिल लोग सत्ता के करीबी थे। उनकी उच्च अधिकारियों से सांठगांठ थी। सरकार की नीयत साफ नहीं थी। अगर सरकार ईमानदार होती तो सीबीआई जांच कराती। जो घोटाले के मास्टरमाइंड थे, सरकार की लचर पैरवी की वजह से वे जेल से बाहर आ गए। वहीं, आयोग की कई परीक्षाओं में नकल माफिया सक्रिय हैं। सुमित और गोस्वामी ने सेना में नौकरी न मिलने पर आत्महत्या कर ली। आज प्रदेश के युवाओं का विश्वास सरकार से उठ गया है। कहा कि सरकार क्यों इसकी सीबीआई जांच को तैयार नहीं। हाकम सिंह एक मोहरा है, और भी कई लोग हैं जिनकी संलिप्तता रही है। सरकार यूकेएसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष एस राजू को क्यों बचा रही है।

कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने टेक होम राशन की आपूर्ति से जुड़ा सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि क्या राज्य में चार महीने से टेक होम राशन की आपूर्ति नहीं हुई। क्या राज्य में 16 माह से आंगनबाड़ी भवनों का किराया भुगतान नहीं हुआ? उनके सवालों पर महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री ने कहा भारत सरकार से बजट न मिलने के कारण राशन की आपूर्ति में व्यवधान हुआ है। 37 करोड़ 36 लाख 57 सतावन हजार 800 की धनराशि अवमुक्त की गई है। उन्होंने कहा कि निदेशालय की मांग पर जल्द भुगतान हो जाएगा। साथ ही आंगनबाड़ी भवनों के किराये का भी जल्द भुगतान होगा।

वहीं विधानसभा सत्र के दौरान बाहर सड़क पर भी घमासान मचा रहा। अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच, भर्ती घोटाले, बेरोजगारी समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा कूच किया। कॉम्युनिस्ट पार्टी समेत कई सामजिक और बेरोजगार संगठन भी विधानसभा कूच में नज़र आये। रिस्पना बैरिकेडिंग पर पुलिस ने डंडों के बल पर कार्यकर्ताओं को रोका, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच इस दौरान संघर्ष भी देखने को मिला और खूब धक्कामुक्की हुयी। सुराज दल के कार्यकर्ताओं ने राज्य में बिगड़ती अपराध व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा कूच किया। सुराज दल के रमेश जोशी ने कहा कि सरकार घोटालों की जांच ठीक से नहीं कर रही है।

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्रवाई शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने भाजपा, कांग्रेस सहित सभी विधायकों को चेताया, उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा की अगर सदन में कोई विधायक मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करते पाया गया तो सख्त कारवाही की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को भी हिदायत दी। गौरतलब है कि सत्र के पहले दिन कई विधायक फोन का इस्तेमाल करते रहे हैं।

बता दें, इससे पहले वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन पटल पर वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले अनुपूरक बजट के तहत 5440.43 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान रखा है। इस धनराशि से सरकार अपनी नई योजनाओं की गति को आगे बढ़ा सकेगी। इसके साथ ही उन केंद्र पोषित योजनाओं में राज्य का अंशदान शामिल कर सकेगी, जिनकी स्वीकृति बाद में मिली। वित्त मंत्री अग्रवाल ने बताया कि 2022-23 का मूल बजट 65 हजार 571 करोड़ का था।


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