गाड़ी से 52 किलो सोना और 10 करोड़ नकद बरामद, 12 साल की नौकरी में करोड़पति बनने की चौंकाने वाली कहानी

Our News, Your Views

भोपाल के पास मेंडोरी गांव में एक बड़े खुलासे ने सनसनी फैला दी है। एक छोड़ी हुई गाड़ी से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं। आयकर विभाग और लोकायुक्त की संयुक्त जांच के दौरान यह मामला सामने आया। गाड़ी से बरामद संपत्ति का कनेक्शन पूर्व RTO कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उनके साथी चंदन सिंह गौर से जुड़ा है, जो पहले से ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच के दायरे में थे।

लोकायुक्त की छापेमारी: अवैध संपत्ति का पर्दाफाश—

लोकायुक्त की स्पेशल पुलिस एस्टाब्लिशमेंट (SPE) ने गुरुवार को सौरभ शर्मा और चंदन गौर के घरों पर छापा मारा।

सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित घर से बरामदगी—

  • 2.5 करोड़ रुपये नकद
  • सोने-चांदी के जेवर
  • प्रॉपर्टी के दस्तावेज

इन संपत्तियों की कुल कीमत 3 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। सौरभ शर्मा, जो ग्वालियर के निवासी हैं, ने एक साल पहले परिवहन विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर रियल एस्टेट का कारोबार शुरू किया था।

शर्मा के निवेश और संपत्ति का खुलासा—

जांच में यह सामने आया कि सौरभ शर्मा ने रियल एस्टेट के साथ-साथ कई जिलों में प्रॉपर्टी, एक होटल और एक स्कूल में भी निवेश किया है।

  • शिकायतों का आधार: शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध भूमि उपयोग की शिकायतों के बाद यह कार्रवाई शुरू हुई।
  • अनुकंपा पर नौकरी: शर्मा को उनके पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर परिवहन विभाग में नौकरी मिली थी।

अमीर बनने की चौंकाने वाली कहानी—

12 साल की नौकरी के दौरान शर्मा ने तेजी से धन अर्जित किया। उनकी जीवनशैली और संपत्ति में असामान्य वृद्धि ने अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया।

  • जल्दी रिटायरमेंट: अधिकारियों से टकराव और आरक्षित जमीन पर स्कूल बनाने को लेकर विवाद के बाद, शर्मा ने नौकरी छोड़ दी और रियल एस्टेट में सक्रिय हो गए।

जंगल में मिली गाड़ी से बरामदगी: बड़ा सुराग—

आयकर विभाग और लोकायुक्त का मानना है कि जंगल में मिली गाड़ी से बरामद 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये शर्मा और चंदन गौर की अवैध कमाई का हिस्सा हो सकते हैं।

भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज—

लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा और चंदन गौर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। लोकायुक्त ADG जयदीप प्रसाद ने पुष्टि की कि इस मामले में जांच जारी है।

जांच के प्रमुख बिंदु—

  1. गाड़ी से बरामद संपत्ति का स्रोत।
  2. शर्मा और गौर की अन्य संपत्तियों और निवेशों की गहन जांच।
  3. भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों की पुष्टि।

क्या कहती है जांच?—

एक साधारण RTO कांस्टेबल से अरबपति बनने की कहानी ने हर किसी को चौंका दिया है। अब जांच के नतीजों का इंतजार है, जो यह स्पष्ट करेंगे कि यह संपत्ति कैसे और किन तरीकों से अर्जित की गई।

यह मामला न केवल प्रशासनिक भ्रष्टाचार का प्रतीक है, बल्कि उन तरीकों की ओर भी इशारा करता है, जिनसे कुछ लोग नियमों और कानूनों का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति अर्जित कर लेते हैं।

 

4o

Our News, Your Views