ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को सफल बनाने की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में रोड शो करेंगे। इस दौरान उनका साथ सूबे के दो कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और सौरभ बहुगुणा भी देंगे।
सरकार का सम्मेलन से पहले बड़े निवेश के लिए जमीन मजबूत करना है और सरकार ने इसके लिए पूरी एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाया हुआ है और वह हर तरफ से मौके को लपकना चाह रही है। उसने इस सम्मलेन की सफलता के लिए अपनी तैयारियां जोर-शोर से की हुई है।
यहां तक की बड़े निवेश के लिए सरकार ने इन्वेस्टर फ्रेंडली माहौल के लिए पॉलिसी रिफॉर्म्स भी किये हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा अनेक नई नीतियां बनाई गई हैं। उद्योग जगत से जुड़े लोगों के सुझाव को शामिल करते हुए नीतियों में परिवर्तन भी किए जा रहे हैं। धामी कहते हैं कि उत्तराखंड में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल है। राज्य में रोड, रेल, रोपवे और हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है।
साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उनकी सरकार ने सांस्कृतिक, प्राकृतिक और आध्यात्मिक सुंदरता को बनाए रखते हुए प्रदेश के विकास का मार्ग चुना है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की थीम को पीस टू प्रॉस्पेरिटी रखा गया है। टूरिज्म, वेलनेस और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के साथ साथ उत्तराखंड में अनेक नए और गैर परम्परागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है। अभी तक इन्वेस्टर से बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। उद्यमी उत्तराखंड में निवेश के लिए उत्साहित हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए वह बताते हैं कि उत्तराखंड और तमिलनाडु का गहरा सांस्कृतिक संबंध है। वहां से निवेश के पहले भी प्रस्ताव आए हैं। हमें भरोसा है कि शिक्षा, पर्यटन और औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमी उत्तराखंड में निवेश करेंगे।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विदेशों के साथ साथ देश के अलग अलग हिस्सों में जाकर रोड शो कर रहे हैं। और उद्योगपतियों के साथ बैठक कर प्रदेश में निवेश लाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। अभी तक देश और विदेश के विभिन्न समूहों संयुक्त अरब अमीरात , ब्रिटेन और दिल्ली में कुल मिलाकर 54550 करोड़ के इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में यूएई 15475 करोड़, ब्रिटेन 12500 करोड़, और दिल्ली में आयोजित दो अलग अलग कार्यकर्मों में 26575 करोड़ के एमओयू साइन किये गए हैं।वहीं 2018 के दौरान हुए निवेशक सम्मेलन में हुए एमओयू को लेकर विपक्ष के आरोप पर उन्होंने ज्यादा तूल नहीं दिया और कहा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। 2018 के बाद कोरोना महामारी आ गई थी। जो एमओयू पहले हुए हैं, हम उनसे भी बात कर रहे हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि उत्तराखंड में बड़ा निवेश आएगा।