उत्तराखंड के जंगल एक बार फिर से धधक उठे हैं। जंगलों की धधकती आग के चपेट में आने से अल्मोड़ा जनपद में 41 दिनों के भीतर नौ लोगों की मौत हो चुकी है। बृहस्पतिवार को अल्मोड़ा के बिनसर अभयारण्य में आग से चार कार्मिकों की मौत हुई है, उसी आग के शिकार हुए चार लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। मौके पर पहुंचे अधिकारियों और कर्मचारियों ने आनन-फानन चारों कर्मचारियों को आग के घेरे से बचाया और फौरन अस्पताल भेजा। इस दुखद घटना से पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अल्मोड़ा जिले में वनाग्नि का दौर जारी है। आग से अमूल्य वन संपदा नष्ट हो रही है। बेकाबू होती जा रही जंगल की आग की चपेट में आने से अल्मोड़ा जनपद में 41 दिनों के भीतर नौ लोगों की मौत हो चुकी है। अल्मोड़ा जिले में अब तक 305 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गया। जबकि सात लाख 85 हजार से अधिक का नुकसान हो चुका है।
#WATCH | Uttarakhand | Manoj Sanwal, Ranger Forest Department says, "Today at 3 o'clock, on receiving the information about the fire in Binsar, a team of eight people went to the spot and due to the strong wind, the fire took a terrible form due to which 4 people died on the spot… https://t.co/9tfaT2wrMv pic.twitter.com/ibqrWdT3sF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 13, 2024
बृहस्पतिवार को अल्मोड़ा जिले के रानीखेत बिनसर के जंगल में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। आग में जलकर चार लोगों की मौत हो गई है। वन रेंजर मनोज सनवाल का कहना है कि आज तीन बजे बिनसर में आग लगने की सूचना मिलने पर आठ लोगों की टीम मौके पर गई। तेज हवा के कारण आग ने भयंकर रूप ले लिया, जिसके कारण चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें बेस अस्पताल रेफर किया गया।
मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार वन विभाग के कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर बेहतर से बेहतर इलाज दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कुमाऊं आयुक्त ने बताया कि सीएम के निर्देश पर झुलसे कर्मियों को बेहतर इलाज के लिए दो एयर एंबुलेंस से एम्स दिल्ली शिफ्ट किया जाएंगा।