रुद्रप्रयाग | 15 जून 2025/ उत्तराखंड की देवभूमि एक बार फिर हवाई हादसे से दहल गई है। चारधाम यात्रा के दौरान रविवार सुबह गौरीकुंड क्षेत्र में केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहा एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। हादसे में 23 महीने के मासूम समेत सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। घटना ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और हेली सेवाओं की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और हेलीकॉप्टर सेवाओं पर दो दिनों की रोक लगा दी गई है।
हादसा: श्रद्धालुओं से भरा हेलीकॉप्टर जंगल में गिरा
घटना रविवार सुबह लगभग 5:30 बजे की है। आर्यन एविएशन कंपनी का हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी लौटते समय गौरीमाई खर्क के ऊपर जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नेपाली मूल की कुछ महिलाओं ने हेलीकॉप्टर को गिरते हुए देखा और स्थानीय प्रशासन को सूचित किया।
हेलीकॉप्टर में सवार सभी सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में महाराष्ट्र के जयसवाल परिवार के तीन सदस्य, बिजनौर की दो महिलाएं, बीकेटीसी कर्मचारी और पायलट शामिल हैं।
मृतकों की सूची:
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राजकुमार सुरेश जयसवाल (41), महाराष्ट्र
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शारदा जयसवाल (35), महाराष्ट्र
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काशी जयसवाल (23 माह), महाराष्ट्र
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तुस्ती सिंह (19), बिजनौर, उत्तर प्रदेश
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विनोद देवी (66), बिजनौर, उत्तर प्रदेश
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विक्रम सिंह रावत (46), बीकेटीसी कर्मचारी, रुद्रप्रयाग
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कैप्टन राजीव चौहान, पायलट, राजस्थान
शवों के बुरी तरह जल जाने की पुष्टि हुई है। घटना की पुष्टि हेलीकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने की है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं।
पिछले 40 दिनों में 5 हेलीकॉप्टर हादसे, 13 की मौत
चारधाम यात्रा के मौजूदा सीजन में यह पांचवां हेली हादसा है। इससे पहले भी खराब मौसम और तकनीकी खामियों की वजह से लगातार हादसे सामने आए हैं:
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8 मई: उत्तरकाशी के गंगनानी में एयरोट्रांस कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश, 6 लोगों की मौत
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13 मई: ऊखीमठ में इमरजेंसी लैंडिंग, तकनीकी खराबी से बाल-बाल बचे यात्री
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17 मई: ऋषिकेश एम्स का हेलीकॉप्टर केदारनाथ के पास क्रैश, कोई जनहानि नहीं
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7 जून: बडासू में हाईवे पर हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, दुकान व वाहन क्षतिग्रस्त
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15 जून: गौरीकुंड में हेलीकॉप्टर क्रैश, 7 की मौत
मुख्यमंत्री की सख्त चेतावनी: हेली संचालन के लिए बनेगा नया एसओपी
हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा कि:
“हेलीकॉप्टर संचालन को लेकर कड़े मानक तय किए जाएंगे। उड़ान से पूर्व मौसम की सटीक जानकारी और हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूर्ण जांच अनिवार्य होगी।”
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को तकनीकी विशेषज्ञों की समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह समिति हेली सेवाओं की सभी तकनीकी और सुरक्षा मानकों की समीक्षा कर एक मजबूत SOP (Standard Operating Procedure) तैयार करेगी।
एएआईबी करेगा जांच, डीजीसीए की निगरानी बढ़ी
दुर्घटना की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) करेगा। डीजीसीए पहले ही चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर संचालन की आवृत्ति कम कर चुका है और अब हर उड़ान पर निगरानी और समीक्षा की जा रही है।
नेताओं व संस्थाओं ने जताया शोक
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, सांसद अनिल बलूनी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सभी ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
बड़ा सवाल: कब थमेगा हेली हादसों का सिलसिला?
चारधाम यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवाएं बुजुर्गों, बीमारों और समय-संवेदनशील यात्रियों के लिए जीवन रेखा मानी जाती हैं। लेकिन लगातार हो रहे हादसे श्रद्धालुओं के मन में डर भर रहे हैं। सवाल यह है कि:
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क्या कंपनियां मौसम की अनदेखी कर उड़ान भर रही हैं?
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क्या तकनीकी जांच और मेंटेनेंस में लापरवाही हो रही है?
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और सबसे अहम – इन हादसों से सबक क्यों नहीं लिया जा रहा?
समय है सख्त व्यवस्था लागू करने का
हेलीकॉप्टर सेवाएं सुविधाजनक हैं, लेकिन सुरक्षित होनी चाहिए। 40 दिनों में 5 हादसे और 13 मौतें चेतावनी हैं कि अगर अब भी सुधार नहीं किया गया तो यह यात्रा आस्था से दुर्घटना की ओर मुड़ सकती है। उत्तराखंड सरकार और केंद्र को मिलकर इस पूरी प्रणाली की तत्काल समीक्षा करनी चाहिए और दोषियों को चिन्हित कर सख्त कदम उठाने चाहिए।