देहरादून/हरिद्वार/ उत्तराखंड भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता और ज्वालापुर से पूर्व विधायक सुरेश राठौर को 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी ने यह कड़ा निर्णय उनके अमर्यादित आचरण, सार्वजनिक विवादों और यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर दिए गए विवादित बयान के मद्देनज़र लिया है, जो पार्टी की छवि को लगातार नुकसान पहुंचा रहे थे।
प्रेम प्रसंग से लेकर दूसरी शादी तक बढ़ा विवाद
पूर्व विधायक सुरेश राठौर लंबे समय से अभिनेत्री उर्मिला सनावर के साथ कथित प्रेम प्रसंग और विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा में थे। दोनों के बीच आपसी आरोप-प्रत्यारोप और कानूनी मुकदमे भी दर्ज किए गए थे। मामला तब और गरमाया जब हाल ही में सुरेश राठौर ने सहारनपुर में उर्मिला सनावर से दूसरी शादी कर ली, जबकि उनकी पहली पत्नी और परिवार पहले से मौजूद हैं।
वायरल वीडियो से और बिगड़ी बात
सहारनपुर में हुई इस शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पार्टी के अंदर खलबली मच गई। पार्टी नेतृत्व को लगा कि इस प्रकार की सार्वजनिक गतिविधियां भाजपा की संस्कार आधारित और अनुशासनप्रिय छवि को आघात पहुंचा रही हैं।
नोटिस के बाद निष्कासन
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने सुरेश राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि “आपके आचरण और सार्वजनिक बयान पार्टी की गरिमा और अनुशासन के खिलाफ हैं। लगातार मीडिया और सोशल मीडिया में आपकी गतिविधियां पार्टी को बदनाम कर रही हैं।”
नियत समय में जवाब न मिलने या संतोषजनक स्पष्टीकरण न देने पर भाजपा ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
UCC पर दिया विवादास्पद बयान भी बना वजह
राठौर ने हाल में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर सार्वजनिक मंचों पर व्यंग्यात्मक और असहनीय टिप्पणियां की थीं, जिससे पार्टी की नीति और विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठे।
पूर्व विधायक सुरेश राठौर का निष्कासन इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भाजपा अब अनुशासनहीनता, व्यक्तिगत विवादों और नकारात्मक प्रचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। यह कदम आने वाले चुनावों से पहले पार्टी की छवि को स्वच्छ और जवाबदेह बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।