छह साहित्यकारों को उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से नवाजा गया
देहरादून, 15 सितंबर 2025। उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से आईआरडीटी सभागार में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के छह साहित्यकारों को उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर साहित्यकार शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा, सोमवारी लाल उनियाल और अतुल शर्मा को उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड भाषा संस्थान के माध्यम से प्रदेश के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित एवं पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने विशेष रूप से स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण पर जोर दिया, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपनी समृद्ध भाषायी विरासत से जुड़ी रहें। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे पूर्वजों द्वारा सौंपी गई साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विरासत केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि हमारी पहचान और सभ्यता की नींव है। इसे संरक्षित रखना हम सभी का नैतिक उत्तरदायित्व है।”
इस वर्ष मरणोपरांत पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकारों में शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़ और हीरा सिंह राणा शामिल हैं। साथ ही सोमवारी लाल उनियाल और अतुल शर्मा को भी यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की समृद्ध साहित्यिक परंपरा का उल्लेख करते हुए सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, शिवानी, शैलेश मटियानी, गिर्दा, शेरदा अनपढ़ और हीरा सिंह राणा को श्रद्धापूर्वक याद किया। उन्होंने कहा कि समकालीन रचनाकार जैसे अतुल शर्मा, प्रसून जोशी और उनियाल उत्तराखंड की साहित्यिक धरोहर को आगे बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश में दो साहित्य ग्राम स्थापित किए जाएंगे — एक गढ़वाल मंडल और एक कुमाऊं मंडल में। इन साहित्य ग्रामों में साहित्यकारों के लिए आवासीय सुविधाएं, संगोष्ठी कक्ष और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पहल उत्तराखंड को एक साहित्यिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। साथ ही दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान के तहत साहित्यकारों को पांच लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर भाषा मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, सचिव नीरज खैरवाल, भाषा संस्थान की निदेशक जसविंदर कौर, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। समारोह का संचालन प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने किया।