प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है। सरकार ने DA/DR पर लगी रोक हटाने का फैसला लिया है। डीए और डीआर 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया है। इससे 60 लाख पेंशनर्स और 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। कोविड-19 महामारी (Covid-19 pandemic) के कारण सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के डीए और पेंशनर्स के महंगाई राहत (DR) पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब इसे बहाल कर दिया गया है। यह 1 जुलाई 2021 से लागू होगा।
केंद्र के कर्मचारियों को डियरनेस अलाउंस (DA) और पेंशनर को डियरनेस रिलीफ की बहाली करने पर निर्णय लिया गया है। अब DA की दर को 17% से बढ़ाकर 28% की जाएगी। इसे 1 जुलाई 2021 से लागू किया जाएगा: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर pic.twitter.com/uI5euVlnCL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 14, 2021
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने डीए 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी करने का फैसला किया है। इससे सरकारी खजाने पर हर साल 34,401 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। कोरोना की वजह से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किस्त पर रोक लगाई गई थी।
तीनों किस्त मिलने के बाद कुल डीए बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगा जिसमें 1 जनवरी 2020 से फीसदी, 1 जुलाई 2020 से 4 फीसदी और 1 जनवरी 2021 से 4 फीसदी बढ़ोतरी शामिल है। इससे 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा। केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 17% डीए मिलता है। लेकिन, पिछली तीन किस्त को जोड़कर अब यह 28 फीसदी हो जाएगा। जनवरी 2020 में डीए 4 फीसदी बढ़ा था, फिर जून 2020 में 3 फीसदी बढ़ा और जनवरी 2021 में यह 4 फीसदी बढ़ा है।
अब इन तीनों किस्तों का भुगतान होना है। पिछले साल, केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए डीए में बढ़ोतरी का ऐलान किया था लेकिन कोविड की वजह से इसे स्थगित कर दिया था। COVID-19 की वजह से वित्त मंत्रालय ने जून 2021 तक 50 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 60 लाख से अधिक पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (DR) में वृद्धि पर रोक लगाने पर सहमति व्यक्त की थी।