ओम जोशी-देहरादून
हर वर्ष बरसात होती है और साथ लेकर आती है मौसमी बीमारियोँ का पुलिंदा। इनमे डेंगू नाम के बुखार का खौफ कुछ-कुछ यूँ समझा जा रहा है,जैसे की पुराने समय में होने वाला हैज़ा रोग हो,जिसे की एशियाई महामारी के रूप में जाना जाता था,जिसमे पूरा गावं इस बीमारी की चपेट में आकर बीमार हो जाता था।ये रोग बहुत तेज़ी से घातक असर करता था और गंभीर रोगों में कुछ घंटो में ही मरीज दम तोड़ देता था।
बुखार सबसे ज्यादा पायी जाने वाली स्वास्थ्य समस्या है,आमतौर पर बुखार एक सामान्य रोग माना जाता है।बुखार आमतौर पर कीटाणुओं के संक्रमणों से होता है,इनमे से कुछ संक्रमणों से सफ़ेद रक्त कोशिकाएं (प्लैटलेट्स) के साथ संपर्क से बुखार करने वाले पदार्थ पैदा होते हैं जो मस्तिक के तापमान को प्रभावित करते हैं और यही बुखार है।
- बदन टूटना: डेंगू में ज़्यादातर जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होता है।
- जी मचलना भी एक लक्षण है।
- चकत्ते या रैशेस: डेंगू में छोटे लाल चकत्ते या रैशेस हो जाते है।
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आप डेंगू बुखार को कैसे रोक सकते हैं?
उन जगहों और परिवेशों से छुटकारा पाएं जहां मच्छर नस्ल पैदा कर सकते हैं। इस तरह के स्थानों में गमले, डिब्बे और पुराने टायर शामिल हैं।पूरी बाजू के कपडे,शरीर पर नारियल तेल लगाना,पालतू जानवरों और पक्षीयों के लिए रखें जाने वाले बर्तनों में रोज़ पानी बदलें।