सरोवर नगरी नैनीताल में ट्रैफिक जाम की स्थिति पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट का कहना है कि अगर इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो नैनीताल के हालात भी जोशीमठ की तरह हो सकते है। यह टिप्पणी उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पर्यटक सीजन के दौरान नैनीताल में वाहनों की भीड़ से ट्रैफिक जाम होने के कारण आवश्यक सेवाएं बाधित होने को लेकर स्वतः संज्ञान से ली गई जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की है।
बता दें कि अधिवक्ता प्रभा नैथानी ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शहर में हो रहे ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर शिकायत की थी। पत्र में कहा गया था कि नैनीताल में खासकर सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम की बहुत बड़ी समस्या है। पर्यटन सीजन के दौरान हजारों पर्यटक अपने वाहनों और टैक्सी से यहां आते हैं जो जाम का मुख्य कारण हैं। तदुपरांत मुख्य न्यायाधीश ने इस पत्र का स्वतः संज्ञान लेकर मामले को बुधवार को जनहित याचिका के रूप में सूचीबद्ध करते हुए सुनवाई की।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय की तरफ से समय-समय पर जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन को ट्रैफिक सुधारने के लिए निर्देश जारी हुए हैं लेकिन समस्या का हल आज तक नहीं निकला। यातायात पुलिस ट्रैफिक को आसानी से चलाने में नाकाम साबित हुई है जिसकी वजह से अव्यवस्था पैदा हो रही है। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिनमे स्कूली बच्चों, कार्यालय कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को समय पर पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है वहीं पर्यटकों को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
इस दौरान मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ती राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर इस समस्या को समय पर नहीं सुलझाया गया तो यहां के हालात भी जोशीमठ की तरह हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि प्रशासन ने ट्रैफिक मैनेजमेंट को नजरअंदाज किया गया है जिस वजह से अव्यवस्था पैदा हो रही है। और स्थानीय लोगों सहित यहाँ आने वाले प्रयटकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि नैनीताल में पार्किंग की जगह कम है, इसलिए हेली सेवा शुरू करें व तल्लीताल से मल्लीताल के लिए इलेक्ट्रिक फेरी या केबिल कार की व्यवस्था हो ,शटल सेवा बढ़ाई जाय। वहीं कोर्ट ने नगर पालिका से पूछा है कि माल रोड में कितने ई रिक्शा चल रहे है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ गुरुवार (आज) को भी इस मामले पर सुनवाई करेगी।