सीएम धामी ने संवाद कार्यक्रम को किया संबोधित, कहा “उपभोग नहीं बल्कि उपयोग“ के सिद्धांत का अनुसरण करेंगे

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इन दिनों नरेंद्र नगर में तीन दिवसीय इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक चल रही है। जिसमे विदेशी मेहमानों के लिए रात्रि भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें राज्यपाल और सीएम धामी ने शिरकत की। इस दौरान सांस्कृतिक संध्या एवं संवाद कार्यक्रम को सीएम धामी ने संबोधित किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेशी मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि किसी भी देश के विकास का पैमाना उस देश का आधारभूत ढांचा ही तय करता है, यही तय करता है कि उस देश का वर्तमान और भविष्य कैसा हो। आधारभूत ढांचे का पर्याय सिर्फ रेल, रोपवे, रोड आदि बनाना नहीं वरन आधारभूत ढांचे का असल मकसद आम आदमी की समस्याओं को कम करना और उसके रहन सहन को सुगम, सरल एवं सुरक्षित बनाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय भौगोलिक परिस्थिति वाले राज्य का आधारभूत ढांचा मैदानी इलाकों की अपेक्षा अधिक कठिन होता है, क्योंकि पहाड़ी राज्य की इकोलॉजी और इकोनामी दोनों ही प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहती है और आधारभूत ढांचे में कभी कभी ऐसी परिस्थितियां भी उत्पन्न हो जाती हैं, जिसमें वनों को, प्रकृति को और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। हमें विकास और प्रकृति के संरक्षण को एक दूसरे का पूरक बनाकर आधारभूत ढांचे के निर्माण पर ध्यान देना होगा। यह तभी संभव है जब हम “उपभोग नहीं बल्कि उपयोग“ के सिद्धांत का अनुसरण करेंगे।

नरेन्द्रनगर ऋषिकेश में जी-20 सम्मेलन की तीसरी बैठक के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी पर्वत श्रृंखला हिमालय की गोद में बसा हमारा प्रदेश उत्तराखंड, ’’देवभूमि’’ के रूप में विख्यात है। जहां यह एक ओर हरिद्वार-ऋषिकेश, गंगोत्री-यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, जागेश्वर, पूर्णागिरि जैसे पौराणिक, आध्यात्मिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक केन्द्रों की पवित्र भूमि है, वहीं गंगा, यमुना, अलकनंदा सहित कई महान नदियों का उद्गम स्थल भी है। हमारा राज्य योग, आयुर्वेद, ध्यान का एक वैश्विक केंद्र होने के साथ-साथ प्राचीन भारतीय सभ्यता का प्रतीक भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के जी-20 की थीम एक पृथ्वी एक परिवार और एक भविष्य है, जो मूल रूप से भारतीय संस्कृति द्वारा विश्व को दिए गए सिद्धांत “वसुधैव कुटुंबकम“ पर आधारित है, जिसका अर्थ है “समस्त विश्व एक परिवार है“. मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 की यह विशेष इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक, हमारी सनातन संस्कृति की इसी मूल अवधारणा को पुष्पित व पल्लवित करने में सहायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को प्राकृतिक आपदाओं से वर्षभर सामना करना पड़ता है इसलिए यहां का आधारभूत ढांचा इस तरह बनना चाहिए जो आपदाओं के समय भी आम आदमी के काम आ सके। आप सभी को ज्ञात है कि जिस प्रकार जापान में भूकंप आना एक आम बात थी, परन्तु जापानी लोगों ने भूकंपरोधी भवन बनाने की ऐसी तकनीक का विकास किया जो आपदा के समय में भी जापान के लोगों को व उनके मकानों को सुरक्षित रखती है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह बैठक जहां एक ओर विश्व के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए क्या-क्या किया जा सकता है, उस पर विचार करेगी, वहीं दूसरी ओर पहाड़ी राज्यों की विशिष्ट स्थितियों का आंकलन कर एक विस्तृत रूपरेखा तय करने में भी समर्थ होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमारे छोटे से राज्य को जी-20 की तीन बैठकों का आयोजन करने का अवसर प्रदान किया।


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