गौला नदी किनारे अतिक्रमण पर प्रशासन सख्त, 7 दिन में झोपड़ियां हटाने का अल्टीमेटम

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बरसात से पहले अतिक्रमण हटाने की कवायद तेज, वन विभाग और तहसील प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई

हल्द्वानी/ रेलवे स्टेशन के निकट गौला नदी क्षेत्र में वर्षों से चल रहे अतिक्रमण पर अब प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। गुरुवार को डिप्टी कलेक्टर नवाजिस खलीक के नेतृत्व में प्रशासन और वन विभाग की संयुक्त टीम ने क्षेत्र का दौरा कर अतिक्रमण की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान झोपड़ियां बनाकर अवैध रूप से रह रहे लोगों को 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है।

निरीक्षण के दौरान प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटाया नहीं गया, तो बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी और झोपड़ियों को जबरन हटाया जाएगा। टीम ने मौके पर मुनादी कर लोगों को खुद ही झोपड़ियां हटाने की सलाह दी।

सूत्रों के अनुसार, गौला नदी के इस हिस्से में लंबे समय से झोपड़ियां बनाकर लोग गैरकानूनी रूप से निवास कर रहे हैं। इससे न केवल नदी की प्राकृतिक धारा बाधित हो रही है, बल्कि पर्यावरण और पारिस्थितिक संतुलन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। बरसात के मौसम में यह अतिक्रमण बाढ़ के खतरे को और बढ़ा देता है।

Forest Department और Tehsil Administration ने मिलकर इस अतिक्रमण विरोधी अभियान की रूपरेखा तैयार की है। निरीक्षण में तहसीलदार सचिन कुमार, एसडीओ गौला रेंज अनिल जोशी और वन क्षेत्राधिकारी चंदन सिंह भी मौजूद रहे।

प्रशासन की यह सख्ती एक स्पष्ट संदेश है कि पर्यावरण और नदी की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। आने वाले दिनों में यदि अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो प्रशासनिक कार्रवाई और तेज की जाएगी।

“बरसात के मौसम से पहले यह कार्रवाई जरूरी है ताकि बाढ़ के खतरे से लोगों को सुरक्षित रखा जा सके और नदी का प्राकृतिक संतुलन कायम रहे।”
नवाजिस खलीक, डिप्टी कलेक्टर


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