देहरादून, 20 फरवरी/ उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राजभवन में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) द्वारा तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘श्री केदारनाथ जी क्षेत्र में आपदा प्रबंधन पर एक और प्रयास’ का विमोचन किया। साथ ही, आपदा प्रबंधन को और प्रभावी बनाने के लिए यूएसडीएमए डैशबोर्ड का भी लोकार्पण किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों के कारण भूस्खलन, बाढ़, बादल फटना और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील राज्य है। उन्होंने 31 जुलाई 2024 को केदारनाथ क्षेत्र में आई आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किए। उन्होंने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के समन्वित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि इस आपदा प्रबंधन प्रयासों को एक पुस्तक के रूप में संकलित किया गया है, जो भविष्य में मार्गदर्शन का कार्य करेगी। यह कॉफी टेबल बुक उन सभी व्यक्तियों और संगठनों के योगदान को संजोती है, जिन्होंने इस आपदा में निस्वार्थ सेवा दी। उन्होंने यूएसडीएमए डैशबोर्ड को भी महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह प्रणाली आपदा प्रबंधन को अधिक सटीक, त्वरित और पारदर्शी बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने किया आपदा प्रबंधन कार्यों का उल्लेख—
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में आई आपदा के दौरान सरकार ने त्वरित निर्णय लेकर राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई। इस दौरान चारधाम यात्रा भी चल रही थी, और प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि इस आपदा से निपटने में सामाजिक, धार्मिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने सरकार का पूरा सहयोग किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस आपदा में 15,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया, 29 स्थानों पर ध्वस्त सड़क मार्गों को जल्द ही बहाल किया गया और राहत कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस बल, भारतीय वायुसेना और स्थानीय प्रशासन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सहयोग राज्य सरकार को लगातार मिलता रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है। साथ ही, 8 दिसंबर 2024 से शुरू हुई शीतकालीन यात्रा को लेकर भी सकारात्मक अनुभव सामने आए हैं।
यूएसडीएमए डैशबोर्ड की विशेषताएं—

यूएसडीएमए द्वारा विकसित डैशबोर्ड से उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन प्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी। इसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्टिंग और एक्शन टेकन रिपोर्ट को डिजिटल बनाना।
- आपदाओं से संबंधित आंकड़ों का त्वरित विश्लेषण और उचित निर्णय लेने में सहायता।
- सभी जिलों से डिजिटल माध्यम से सूचनाओं का संकलन, जिससे डेटा-संचालित आपदा प्रबंधन प्रणाली बनेगी।
- चारधाम और शीतकालीन यात्रा मार्गों पर यात्रियों एवं वाहनों की नियमित निगरानी।
- आपदाओं से होने वाली जनहानि, पशुहानि और संपत्तियों की क्षति का डिजिटल रिकॉर्ड।
- सड़कों के बाधित होने और पुनः चालू होने की जानकारी का अपडेट।
गणमान्य लोग रहे उपस्थित—
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री और रुद्रप्रयाग जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रोहिला, मंडी परिषद अध्यक्ष अनिल डब्बू, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस भदौरिया, एडीजी ए.पी. अंशुमान, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार नेगी और जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग डॉ. सौरभ गहरवार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।