“एक और लॉकडाउन” जुदा जुदा राय – कैसे बचें इस महामारी से ? 

Spread the love

केंद्र और प्रदेश सरकार की तमाम हिदायतें, सावधानियां, अपीलों और सख्ताई के बाद भी उत्तराखंड में कोरोना काबू में नहीं आ पाया है। जिस तरह पिछले कई दिनों से कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है, और यह जिस तेजी से अब मैदानों के साथ साथ पहाड़ों की तरफ पसरने लगा है वह चिंता बढ़ाने लगा है।

प्रदेश की देख-रेख पर नज़र रखने वाले शासन और प्रशासन के अधिकारी और नेतागणों के कोरोना पॉजिटिव आने और होम आइसोलेशन में जाने की ख़बरें आम जनमानस को विचलित करने लगी हैं, वहीँ आये दिन सरकारी विभागों में कोरोना संक्रमितों के सामने आने के बाद उन्हें कुछ समय के लिए बंद करने जैसी घटनाएं आने वाले वक्त की नज़ाकत का अहसास करा रही हैं।
बता दें की करीब दर्जन भर भाजपा विधायक सहित कई बड़े पदाधिकारी इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। हाल ही में दो भाजपा विधायक ने लॉकडाउन की पैरवी की है जिसके बाद इस पर आम जनमानस व प्रबुद्ध दोनों वर्ग अपने अपने तरीके से “एक बार फिर लॉकडाउन” पर बहस करते दिखाई देने लगे हैं।
हमने जानना चाहा कुछ जागरूक लोगों से की आप क्या मानते हैं की इस (कोरोना वायरस संक्रमण) पर काबू पाने के लिए के लिए वे क्या उपाय कर रहे हैं और उनसे “एक बार फिर लॉक डाउन” पर उनकी राय पूछी।

आईये जानते हैं उनके विचार क्या कहते हैं वे —-

1-डॉoविनीत दीक्षित-“हमें अपना  अपना ध्यान खुद रखना है वैसे तो इस पर पहले ही काबू पा लेना चहिये था जब इसके विस्तार की शुरुवात हो रही थी, सरकार की कुछ खामियों की वजह से ऐसा न हो सका अब                            लॉकडाउन का कोई मतलब नहीं सावधानी ही बचाव है लोगों को खुद जागरूक होना होगा और              सरकार को सख्त”
2-नितिन जैन(अखबार विक्रेता)-“भीड़-भाड़ से बच रहे हैं संक्रमण तो हर तीसरे आदमी को है लक्षण भी नहीं दिखाई देते हैं इसलिए खुद का ध्यान रखना पड़ता है इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों पर विशेष ध्यान रखते हैं, लॉकडाउन का कोई फायदा नहीं इससे संक्रमण नहीं रुकेगा बल्कि            काम का नुक्सान ज्यादा होगा”
3- एसoकेoगोविल-“सुबह एक घंटे की मॉर्निंग वाक पर मास्क लगा कर निकलते हैं, खान-पान का ध्यान रख रहे हैं, लॉकडाउन का कोई फायदा नहीं सेल्फ ध्यान रखते हैं अपना तब हि कुछ हो सकता है। लोग                          बेवजह घूम रहें हैं लोग तफरीह के लिए निकलते हैं। जनता का व्यवहार अजीब है”
4- आरoक्षेत्री -“घर से बाहर काम निकलते हैं जब मज़बूरी होती है तभी बाहर निकलते हैं मास्क लगा कर निकलते हैं जब कुछ सामान लेना हो दवाई लेनी हो इम्युनिटी  बढ़ाने के लिए घरेलु उपाय आज़माते हैं                    जैसे गिलोई,अदरक लहसुन आदि का सेवन करते हैं। लॉकडाउना अब नहीं, मज़दूर आदमी कहाँ जायेगा”
वहीँ कोरोना के बढ़ते प्रसार के कारण व्यापारी वर्ग चिंतित है उनकी चिंता आने वाले त्योहारी सीजन को लेकर है उन्हें डर है कि अगर हालात  नहीं सुधरे तो उनका आने वाला महत्वपूर्ण त्योहारी सीजन कोरोना की भेंट चढ़ सकता है। ऐसे में कई व्यापारी अभी एक और लॉकडाउन की पैरवी करते नज़र आते हैं।
दून उधोग व्यापार मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष एक दैनिक समाचार पत्र को दिए बयान में कहते हैं-“हम व्यापार मंडल की इकाईओं से बात कर रहे हैं, प्रशासन से भी बात कर स्थिति से अवगत कराने जा रहे हैं। बाकी विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है जो भी फैसले लिए जाएंगे वह व्यापारियों की एक राय से होंगे”
वैसे व्यापारी वर्ग में भी लॉकडाउन पर राय बंटी बंटी नज़र आती है। अनिल शर्मा (अध्यक्ष-मोती बाज़ार) कहते हैं-“लॉक डाउन कोई समस्या नहीं है, बल्कि बाजार खुलने का समय कम किया जाए और रविवार को सैनिटाइएज किया जाए। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सख्ती हो। व्यापारियों को भी अपनी और ग्राहक की सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए” 
 वहीँ भाजपा विधायकों के लॉकडाउन की हिमायत की बात पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि-“केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर जो एडवाइजरी जारी की जा रही है उसका पालन किया जा रहा है, विधयक या मंत्री, विशेषज्ञ   नहीं हैं। विशेषज्ञों की राय से यदि आवश्यकता पड़ी और महसूस हुआ तो लॉकडाउन करेंगे। हालांकि अभी फिलहाल लॉकडाउन की जरुरत नहीं है”
  वे लॉक डाउन की संभावना से इंकार करते हुए कहते हैं–“कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए सिर्फ लॉकडाउन समाधान नहीं है इसे सावधानी व् अतिरिक्त सतर्कता बरतने से ही रोका जा सकता है”

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *