देहरादून / 10 अप्रैल 2025 उत्तराखंड में जमीन और प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। राज्य सरकार जल्द ही नई सर्किल रेट्स (Circle Rates) घोषित करने जा रही है, जिससे भूमि की खरीद-फरोख्त महंगी हो सकती है। कयास हैं कि इस बार सर्किल रेट्स में करीब 26% तक की बढ़ोतरी संभव है।

दो साल बाद बड़ा संशोधन
गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों से सर्किल दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया था, जबकि नियमानुसार इनकी हर साल समीक्षा होनी चाहिए। वित्त विभाग ने बीते वर्ष ही रिवीजन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, जो अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। जैसे ही उच्च स्तर से अनुमोदन मिलेगा, नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू कर दी जाएंगी।
क्यों बढ़ रही हैं सर्किल रेट्स?
उत्तराखंड की वार्षिक GDP ग्रोथ लगभग 8% है। चूंकि दो साल से कोई संशोधन नहीं हुआ, इसलिए इस बार 16% की औसतन वृद्धि को ध्यान में रखा गया है। साथ ही महंगाई समायोजन (Inflation Adjustment) के रूप में 10% की और बढ़ोतरी की जा रही है। ऐसे में कुल मिलाकर सर्किल रेट्स में करीब 26% की बढ़त मानी जा रही है।

किन क्षेत्रों में असर ज्यादा?
जहां डबल लेन और फोर लेन सड़क परियोजनाएं पूरी हुई हैं या निर्माणाधीन हैं, उन क्षेत्रों में सर्किल रेट्स में भारी उछाल देखा जा सकता है।
विशेष रूप से देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश, हरिद्वार और रामनगर जैसे तेजी से विकसित हो रहे इलाकों में जमीन की कीमतें काफी बढ़ सकती हैं। वहीं पुराने और पहले से विकसित क्षेत्रों में यह बढ़ोतरी अपेक्षाकृत कम रह सकती है।
आम लोगों पर क्या होगा असर?
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प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे रजिस्ट्री कराना महंगा होगा।
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होम लोन की पात्रता (Eligibility) पर असर पड़ेगा, क्योंकि गाइडलाइन वैल्यू बढ़ने से प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ जाएंगी।
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रियल एस्टेट बाजार में नए ट्रेंड उभर सकते हैं – खासकर उन लोगों के लिए जो निवेश की योजना बना रहे हैं।
क्या करें प्रॉपर्टी खरीदने वाले?
यदि आप उत्तराखंड में भूमि या मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो नई दरों के लागू होने से पहले सौदा फाइनल करना फायदेमंद हो सकता है। नई सर्किल दरें लागू होने के बाद न केवल कुल खर्च बढ़ जाएगा, बल्कि रजिस्ट्री और टैक्स पर भी अतिरिक्त भार पड़ सकता है। उत्तराखंड में भूमि बाजार अब एक नए बदलाव की दहलीज पर है। सरकार की आगामी घोषणा राज्य के रियल एस्टेट सेक्टर को सीधे प्रभावित करेगी। ऐसे में आम जनता और निवेशकों को सतर्क रहने और समय पर निर्णय लेने की आवश्यकता है।